नील आर्मस्ट्रांग के बारे में 16 जानने लायक बातें | About Neil Armstrong In Hindi

About Neil Armstrong In Hindi

एक पायलट से एक खगोलयात्री बने नील आर्मस्ट्रांग पहले मानव है जिन्होंने पृथ्वी के चाँद पर कदम रखा था। यह कीर्तिमान 21 जुलाई 1969 को स्थापित हुआ था और 2019 में इसे 50 साल पूरे हो चुके हैं।

आइए आपको नील आर्मस्ट्रांग के जीवन से जुड़े कुछ मजेदार तथ्य बताते हैं-

नील आर्मस्ट्रांग के बारे में 16 मज़ेदार तथ्य – About Neil Armstrong In Hindi

1. नील आर्मस्ट्रांग का जन्म 5 अगस्त 1930 को अमेरिका के ऑहियो राज्य में हुआ था। बचपन में उनके पिता एक बार उन्हें एक air show दिखाने ले गए थे जहां से उनमें उड़ान के प्रति लगाव पैदा हो गया। इसके बाद उन्होंने पायलट बनने की ठान ली।

2. 15 साल की उम्र में आर्मस्ट्रांग ने पायलट का लाइसेंस प्राप्त कर लिया था। आर्मस्ट्रांग के पास Aerospace engineering में बैचलर और मास्टर की डिग्री थी।

3. कॉलेज के दौरान नील आर्मस्ट्रांग को सेना की तरफ से फाइटर पायलट बनने का न्यौता मिला। उन्होंने इसे को स्वीकार करते हुए अमेरिका की तरफ से कोरिया युद्ध में भाग लिया।

4. कोरिया युद्ध में आर्मस्ट्रांग Aircraft carrier से उड़ान भरते थे। एक बार दुश्मन उनके हवाई जहाज़ को निशाना लगाने में कामयाब रहे। लेकिन समय रहते आर्मस्ट्रांग eject होने में सफल हो गए जिससे उनकी जान बच गई।

5. अपनी पढ़ाई पूरी करने और कोरिया युद्ध के बाद आर्मस्ट्रांग एक टेस्ट पायलट बन गए। यानी के उन्हें अमेरिका द्वारा बनाए गए नए हवाई जहाज़ों को उड़ाकर टेस्ट करना होता था के वो कितने सही बने हैं या नहीं। अपने जीवन में उन्होंने 200 अलग-अलग तरह के हवाई जहाज़ उड़ाए।

6. 1960 के बाद NASA मानव को अंतरिक्ष में भेजने पर काम करने लगा तो उसे अंतरिक्ष यानों को उड़ाने के लिए अनुभवी पायलटों की जरूरत थी। आर्मस्ट्रांग को नासा ने उन पायलटों के साथ चुन लिया जो आगे जाने वाले अंतरिक्ष मिशनों में भेजे जाने थे। यह सितंबर 1962 की बात है यानी चाँद पर जाने से करीब 7 साल पहले की।

7. नील आर्मस्ट्रांग अंतरिक्ष में पहली बार 16 मार्च 1966 को गए थे। इस मिशन का नाम Gemini 8 था। David Scott उनके साथ थे। दोनों को अंतरिक्ष में प्रयोग करने भेजा गया था।

8. आर्मस्ट्रांग चांद पर उतरने वाले पहले व्यक्ति होंगे इस बात का निर्णय मार्च 1969 की एक मीटिंग में लिया गया था। इस निर्णय में आर्मस्ट्रांग की प्रतिभा और अनुभव के साथ कुछ भूमिका इस बात की भी थी कि नासा प्रबंधन का यह मानना था कि आर्मस्ट्रांग एक विनम्र स्वभाव के व्यक्ति हैं। इसके सिवाए वो Apollo 11 spacecraft के कमांडर भी थे जिस वजह से चाँद पर पहले उतरने का अधिकार उनका ही था।

9. सालों की तैयारी और मेहनत के बाद आखिरकार अपोलो 11 अंतरिक्ष यान ने 16 जुलाई 1969 को अपनी उड़ान भरी। अपोलो 11 अंतरिक्ष यान में नील आर्मस्ट्रांग के साथ Buzz Aldrin और Michael Collins भी थे।

10. पृथ्वी छोड़ने के करीब 5 दिन बाद 21 जुलाई 1969 को आर्मस्ट्रांग चांद पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति बने। कदम रखते ही उनके पहले शब्द थे, – “मानव के लिए यह एक छोटा कदम है, लेकिन मानवता के लिए यह एक लंबी छलांग है।”

11. आर्मस्ट्रांग, बज़ एल्ड्रिन के साथ लगभग 21 घंटे तक चांद पर रहे जो के चांद पर उतरने वाले दूसरे व्यक्ति थे। इसके सिवाय उनके साथ चांद पर जाने वाले माइकल कॉलिंस कमांड यान में चाँद की परिक्रमा कर रहे थे।

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ल्यूनर मॉड्यूल से चंद्रमा की सतह पर उतरते बज़ एल्ड्रिन। यह फोटो नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने खींचा था, जो कुछ क्षण पहले ही चंद्रमा पर उतरे थे।

12. आर्मस्ट्रांग और एल्ड्रिन जिस module (यान) से चाँद पर उतरे थे उसका नाम Eagle था। तीनों पायलट 24 जुलाई को पृथ्वी पर वापस आए। इन्होंने प्रशांत महासागर में लैंडिंग की थी।

13. नील आर्मस्ट्रांग अपोलो 11 मिशन के बाद NASA में कई पदों पर रहे। इसके सिवा एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में वो यूनिवर्सिटी प्रोफेसर भी रहे।

14. आर्मस्ट्रांग ने तब अपने ऑटोग्राफ देना बंद कर दिया था जब उन्हें पता चला कि इंटरनेट पर लोग उनके ऑटोग्राफ बेच रहे हैं।

15. नील आर्मस्ट्रांग को दिल से संबंधित समस्या थी। इस वजह से 25 अगस्त 2012 को 82 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई।

16. इन तीनों अंतरिक्ष यात्रियों ने अपनी-अपनी आत्मकथाओं में लिखा है कि उस मून मिशन को इतना जोखिमभरा माना गया था कि अमेरिका की कोई भी बीमा कंपनी उसका बीमा करने तक को तैयार नहीं थी। इसलिए हमारे मन में भी यह आशंका घर कर गई थी कि शायद हम वापस धरती पर लौटकर न आ पाए। लेकिन अभियान से पीछे हटने का तो सवाल ही नहीं था। तो हम सबने अपने-अपने परिवारों को सैंकड़ो स्मृति चिन्ह हस्ताक्षर करके सौंप दिए, ताकि हमारी मौत के बाद परिजन उन्हें बेचकर अपनी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।

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