डॉ॰ मार्टिन लूथर किंग, जूनियर (Martin Luther King, Jr.) अमेरिका में समान नागरिक अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले सबसे बड़े नेता माने जाते हैं। उन्हें मुख्य रूप से अमेरिका के अफ्रीकी मूल के नीग्रो नागरिकों को उनके मौलिक अधिकार दिलाने और काले-गोरे का भेदभाव खत्म करने के लिए जाना जाता है।
मार्टिन लूथर किंग का इतिहास – Martin Luther King Biography in Hindi
मार्टिन लूथर किंग का जन्म 1929 में अमेरिकी राज्य जॉर्जिया के शहर अटलांटा में हुआ था। उनके पिता एक ईसाई उपदेशक थे।
लूथर किंग बचपन से ही बहुत तेज दिमाग वाले थे, इसलिए जब इन्हें मौलिक शिक्षा के बाद हाई स्कूल भेजा गया तो इन्हें दो क्लास छोड़कर सीधे अगली में दाख़िला मिल गया।
महज 15 साल की उम्र में मार्टिन लूथर किंग ने अपनी कॉलेज की शिक्षा आरंभ कर दी। शिक्षा को आगे जारी रखते हुए इन्होंने नागरिक शास्त्र की डिग्री हासिल कर ली। इसके बाद इन्होंने Boston University से Theology (धर्मशास्त्र) में doctorate की डिग्री हासिल कर ली और इनके नाम के आगे डॉक्टर लग गया।
लूथर ने समान नागरिक अधिकारों के लिए 1950 के बाद कार्य करना शुरू किया। इसके संबंध में इनका पहला मुख्य आंदोलन था 1955 में अमेरिका के मोंट्गोमेरी(Montgomery) शहर में सार्वजनिक बसों का बहिष्कार।

दरअसल उस समय अमेरिका में कई जगह सार्वजनिक बसों में काले और गोरे लोगों के लिए अलग-अलग सीटें हुआ करती थी। 1955 में इस भेदभाव के विरोध में रोजा पार्क्स(Rosa Parks) नाम की नीग्रो महिला ने बस में गोरे लोगों के लिए आरक्षित सीट से उठने के लिए मना कर दिया। इस के लिए उन्हें एक रात जेल में रहना पड़ा।
इस अन्याय और भेदभाव के विरोध में मार्टिन लूथर किंग ने सभी अफ्रीकी मूल के लोगों को मोंट्गोमेरी शहर की सार्वजनिक बसों का बहिष्कार करने का आवाहन किया, जो बेहद सफल रहा। कई गोरे लोगों ने भी इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया। पूरे 381 दिनों तक चले इस आंदोलन के बाद अमेरिकी बसों में काले-गोरे यात्रियों के लिए अलग-अलग सीटें रखने का प्रावधान खत्म कर दिया गया।
अपने इसे सफल आंदोलन के बाद मार्टिन लूथर किंग ने समान नागरिक कानून के लिए आंदोलन शुरू कर दिया। उन्होंने इसके लिए गाँधीजी के आदर्शों का सहारा लिया। वह गाँधीजी के अहिंसक आंदोलन से काफी ज्यादा प्रभावित थे और उन्होंने अपने आंदोलन के दौरान लोगों को किसी भी तरह की ऐसा करने से मना किया हुआ था।
1963 में वह ढाई लाख लोगों के साथ समान नागरिक कानून (Civil Right Act) के लिए अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन की ओर चल पड़े। वहां पहुंच कर उन्होंने अपना प्रसिद्ध भाषण ‘I Have A Dream’ भी दिया। उनका यह आंदोलन भी सफल रहा और अगले ही साल 1964 में Civil Right Act पास हो गया जो अमेरिका में सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं, और हर तरह की नौकरियों में किसी भी तरह के भेदभाव को खत्म करता है।
मार्टिन लूथर किंग ने इसके बाद भी अपना समाज सुधार कार्य जारी रखा। 1963 में Time magazine ने उन्हें ‘Man of the year’ चुना। 1964 में उन्हें नोबेल का शांति पुरस्कार मिला। इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले वह उस समय सबसे कम उम्र(35 वर्ष) के व्यक्ति थे।
मार्टिन के सुधार कार्यों से कुछ लोग खुश नहीं थे। ऐसे ही James Earl Ray नाम के एक गोरे शख्स ने 4 अप्रैल 1968 को मार्टिन को तब गोली मार दी जब वह अपने होटल की बालकनी में खड़े हुए थे। गोली लगने के कारण उनकी मृत्यु हो गई।
आज मार्टिन लूथर किंग, जूनियर को अफ्रीकी के लोगों के अधिकार के लिए किए गए संघर्ष के लिए याद किया जाता है। अमेरिका में उनके नाम पर एक दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है और देश में 730 streets उनके नाम पर हैं। उन्हें अमेरिका का ‘महात्मा गांधी’ कहा जाता है।
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