भूमध्य रेखा एक कल्पित रेखा है जो पृथ्वी को पूर्व से पश्चिम की और दो बराबर भागों में बांटती है। उत्तरी भाग को उत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी भाग को दक्षिणी गोलार्थ कहा जाता है। अंग्रेजी में इस कल्पित रेखा को Equator कहा जाता है। हिन्दी में इसे विषुवत रेखा भी कहते हैं।
भूमध्य रेखा 0° अक्षांश है और ये उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव से समान दूरी पर स्थित है। भूमध्य रेखा की लंबाई लगभग 40,075 किलोमीटर है, जिसमें से 78.7% हिस्सा जल वाले भागों के ऊपर से गुजरता है जबकि 21.3% हिस्सा थल वाले भागों से।
भूमध्य रेखा की 6 मज़ेदार बातें | Equator in Hindi
1. भूमध्य रेखा पर स्थित सभी स्थान गर्म नहीं है।
हम जानते हैं कि भूमध्य रेखा पर पूरा साल काफी ज्यादा तापमान रहता है। इसके बावजूद इस पर स्थित एक स्थान ऐसा है, जहां आपको बर्फ मिल जाएगी। दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के देश Ecuador (ईक्वाडोर) में Cayambe ज्वालामुखी की एक चोटी भूमध्य रेखा के बिलकुल पास स्थित है जिस पर आपको बर्फ मिल जाएगी। ये चोटी समुंद्र तल से 4690 मीटर ऊँची है।
2. भारत के इस महान वैज्ञानिक ने 1500 साल पहले भूमध्य रेखा की लंबाई बताई थी।
ये महान वैज्ञानिक थे – आर्यभट। आर्यभट ने बताया था कि पृथ्वी की परिधि यानि कि सबसे बड़े चक्कर की लंबाई 39,968.05 किलोमीटर है। यह लंबाई असल लंबाई से सिर्फ 0.2% कम है। पृथ्वी के सबसे बड़े चक्कर भूमध्य रेखा की सटीक लंबाई 40,075.01 किलोमीटर है।
3. भूमध्य रेखा वाले स्थानों पर रहना बीमारी मोल लेने लायक है।
भूमध्य रेखा पर सूर्य की किरणें सारा साल सीधी पड़ती है। जिसकी वजह से भूमध्य रेखा के पास रहने वाले लोगों को हानिकारक पराबैंगनी-बी किरणों से होने वाले नुकसान का खतरा बना रहता है। पराबैंगनी-बी किरणों की वजह से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को नुकसान पहुँच सकता है जिसकी वजह से श्वास से संबंधित बिमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
4. केवल 20% आबादी भूमध्य रेखा के नीचे रहती है।
दुनिया की 760 करोड़ में से सिर्फ 20%, यानि कि 152 करोड़ आबादी भूमध्य रेखा के नीचे रहती है। इसका एक कारण यह भी है कि दुनिया के तीन सबसे ज्यादा आबादी वाले देश – चीन, भारत और अमेरिका भूमध्य रेखा के बिलकुल ऊपर स्थित हैं। सबसे ज्यादा आबादी वाले 10 देशों में से सिर्फ 2 देश (ब्राजील और इंडोनेशिया) ही दक्षिण में स्थित है, हांलाकि यह दोनों देश भी पूरी तरह से भूमध्य रेखा के दक्षिण में नही हैं।
5. भूमध्य रेखा पर आपका वज़न कम होता है।
हमें दो तथ्य ज्ञात हैं। पहला तो यह कि हमारी पृथ्वी पूरी तरह से गोल नहीं है। यह ध्रुवों पर थोड़ी सी चपटी है जबकि भूमध्य रेखा के पास थोड़ी सी उभरी हुई है। दूसरा यह है कि किसी ग्रह की सतह पर जो चीज़ उसके केंद्र के पास स्थित होगी, उसका वज़न केंद्र से दूर स्थित चीज़ के मुकाबले ज्यादा होगा। अब क्योंकि भूमध्य रेखा की सतह, ध्रुवों की सतह के मुकाबले पृथ्वी के केंद्र से अधिक दूरी पर है, इसलिए भूमध्य रेखा पर किसी चीज़ का वज़न ध्रुवों के मुकाबले कम होगा। ध्यान रखने वाली बात यह है कि वज़न का यह अंतर कुछ ख़ास ज्यादा नहीं होगा। यह अंतर महज 0.5% का है। यानि कि अगर उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव पर आपका वज़न 100 किलो है, तो भूमध्य रेखा पर यह सिर्फ आधा किलो (500 ग्राम) ही कम होगा।
6. भू-मध्य रेखा 14 देशों से गुजरती है
भू-मध्य रेखा 13 देशों के थल या जल क्षेत्र से गुजरती है। यह देश हैं- Ecuador, Colombia, Brazil, Sao Tome & Principe, Gabon, Republic of the Congo, Democratic Republic of the Congo, Uganda, Kenya, Somalia, Maldives, Indonesia and Kiribati.
इन क्षेत्रों में सूर्योदय और सूर्यास्त बहुत कम समय में होता है।
इसके सिवाए भू-मध्य रेखीए क्षेत्रों में पूरे साल दिन और रात 12-12 घंटे के बराबर रहते हैं।
भूमध्य रेखा से भारत की दूरी 876 किलोमीटर है।
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