सिन्धु नदी, जिसे अंग्रेज़ी में ‘Indus River’ के नाम से जाना जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप और ऐशिया की सबसे लंबी और प्रमुख नदियों में से एक है। ये नदी तिब्बत में मानसरोवर झील के आसपास से चलना शुरू करती है और उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ती हुई भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य में प्रवेश कर जाती है। जम्मू-कश्मीर से ये नदी पाकिस्तान में दाखिल होती है और पूरे पाकिस्तान में दक्षिण दिशा में यात्रा करती हुई अरब सागर में मिल जाती है।
सिन्धु नदी से जुड़ी सामान्य जानकारियां
देश – चीन (तिब्बत), भारत और पाकिस्तान
राज्य – चीन (तिब्बत), भारत (जम्मू और कश्मीर), पाकिस्तान (गिलगित-बाल्टिस्तान, पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और सिंध)
उद्गम – तिब्बत में मानसरोवर झील के पास ग्लेशियरों और अन्य छोटे-छोटे जल स्रोतों से
मुहाना – अरब सागर (मुख्य) और रण ऑफ कच्छ (दूसरा)
लंबाई – 3180 किलोमीटर
सिन्धु नदी के नाम
प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में ये नदी ‘सिन्धु’ के रूप में वर्णित है। इस शब्द का अर्थ होता है ‘सागर या पानी का बड़ा समूह’। ईरान के लोग इसे हेंदू (Hendu) कहने लगे। ईरानियों से ये नाम युनानी (ग्रीक) लोगों के पास पहुँचा, जिन्होंने इसे ‘इंडोस’ (Indos) में बदल दिया और रोमन लोग इसे ‘इंडस’ (Indus) कहने लगे।
कुछ भाषाविदों का कहना है कि सिंधु नदी का अर्थ ‘सागर या पानी का बड़ा समूह’ होने के बजाय ‘सीमा या किनारा’ होता है। प्राचीन समय में सिन्धु नदी ईरानियों और भारतीयों के बीच सीमा या सरहद का काम करती थी।
प्राचीन भारत में ये नदी कितना महत्वपूर्ण स्थान रखती थी, इस बात का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रथम वेद,
ऋग्वेदिक में ‘सिंधु’ शब्द 176 बार किसी ना किसी तरह पाया जाता है।
सिन्धु नदी की वजह से पड़ा भारत का नाम
भारत को अंग्रेज़ी में India का जाता है, और ये नाम सिन्धु नदी की वजह से ही पड़ा है। जैसा कि हमने आपको बताया है कि ग्रीक और रोमन लोग सिन्धु नदी को Indos या Indus कहते थे। तो उन्होंने भारत को India कहना शुरू कर दिया, जिसका अर्थ होता है – ‘इंडस नदी का देश’ (Country of the River Indus)।
हिंदुस्तान या हिंदु नाम भी इसी नदी के नाम से ही पड़ा है। क्योंकि पश्चिम से भारत आने वाले कई लोग सिंधु नदी को ‘हेंदु नदी’ कहते थे। तो उन्होंने सिंधु नदी के पार रहने वाले लोगों को हिंदु कहना शुरू कर दिया और उनके देश को हिंदुस्तान, जिसका अर्थ होता है – ‘हिंदुओं का स्थान’। वर्तमान समय में भले ही हिंदुस्तान में कई और धर्मों के लोग भी निवास करते है, लेकिन 1000 साल पहले भारत में केवल हिंदु धर्म ही हुआ करता था।
पाकिस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है सिन्धु नदी
सिन्धु पाकिस्तान की सबसे लंबी नदी होने के साथ-साथ इसकी राष्ट्रीय नदी भी है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा सिंधु नदी के पानी पर निर्भर करता है। पाकिस्तान के पंजाब और सिंध राज्य की खेतीबाड़ी सिंधु नदी के जल पर ही टिकी हुई है।
जिन 5 नदियों की वजह से पंजाब का नाम पड़ा है, वो सभी पाकिस्तान में ही सिन्धु नदी में मिल जाती हैं। ये 5 नदियां हैं – जेहलम, चनाब, रावी, व्यास और सतलुज। सिन्धु समेत ये पांचो नदिया भारत से होकर ही पाकिस्तान में जाती हैं।
वर्ष 1960 में भारत और पाकिस्तान बीच सिंधु जल समझौता हुआ था जिसमें सिन्धु और पंजाब की सभी 5 नदियों के पानी का बटवारा किया गया था। इसमें पाकिस्तान के हिस्से नदियों का 80% पानी आया था, जबकि भारत को केवल 20% पानी ही मिला।
सिंधु नदी किसके लिए प्रसिद्ध है
वैसे तो कोई एक कारण नहीं है जो सिंधु नही को प्रसिद्ध बनाता है। यह ऊपर दी बातों से भी आप जान ही गए होंगे।
परंतु सिंधु नदी सबसे ज्यादा सिंधु घाटी सभ्यता की वजह से प्रसिद्ध है। यह विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता है। इसे हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है।
सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख शहर हड़प्पा और मोहनजोदड़ो सिंधु नदी के किनारों पर ही बसे हुए थे। यह दोनों शहर 5 हज़ार साल पहले प्राचीन विश्व के प्रमुख बसे हुए शहरों में से एक थे।
सिन्धु नदी से जुड़ी अन्य बातें
सिन्धु नदी लगभग 11,65,000 वर्गकिलोमीटर के क्षेत्र को सींचती है। हर साल इसमें 243 घन किलोमीटर पानी का बहाव होता है। पानी की इतनी मात्रा दुनिया की सबसे लंबी नदी नील से से भी दोगुनी है। इस मामले में सिंधु दुनिया की 21वीं सबसे ज्यादा बहाव वाली नदी है।
मौसम सिंदु नदी के प्रवाह को काफी प्रभावित करता है। सर्दियों में जहां इसका पानी बहुत कम हो जाता है, तो वहीं मानसून की वर्षा ऋतु में इसके किनारो पर बाढ़ आ जाती है।
समय-समय पर भुकंपों और अन्य प्राकृतिक बदलावों के कारण सिंधु नदी के जलमार्ग में बदलाव होता आया रहा है।
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Note : अगर आपको सिन्धु नदी के बारे में कोई और जानकारी चाहिए, तो कृपा हमें comments में बताएं।
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