किलिमंजारो अफ़्रीका महाद्वीप का सबसे ऊँचा पर्वत है। ये पर्वत एक एकल पर्वत है, यानि कि ये किसी पर्वत श्रृंखला का हिस्सा नहीं है। इस पर्वत का निर्माण 30 लाख साल पहले 3 अलग-अलग ज्वालामुखियों से निकले लावे के लगातार ठंडा होकर जमने से शुरू हुआ था। ये तीन ज्वालामुखी हैं – कीबो, मावेंजी और शिरा (Kibo, Mawenzi and Shira)।
मावेंजी और शिरा ज्वालामुखी अब निष्क्रिय हो चुके हैं यानि कि अब इनमें से कभी भी लावा नहीं निकलेगा। लेकिन कीबो ज्वालामुखी अब सुप्त अवस्था में है और उसमें किसी भी समय विस्फोट हो सकता है। किलिमंजारो पर्वत पर कीबो ज्वालामुखी की चोटी ही सबसे ऊँची है जिसकी समुंदर तल से ऊँचाई 5,895 मीटर है। इसकी अधिकतम ऊँचाई को ही किलिमंजारो पर्वत की ऊँचाई माना जाता है।

किलिमंजारो पर्वत पर स्थित मावेंजी की चोटी की ऊँचाई 5149 मीटर और शिरा की सबसे कम 4005 मीटर है।
किलिमंजारो पर्वत के बारे में 12 रोचक तथ्य – Kilimanjaro in Hindi

1. किलिमंजारो पर्वत मध्य-अफ्रीका के तंजानिया देश के उत्तरी-पूर्वी भाग में स्थित है।
2. किलिमंजारो पर्वत आधुनिक काल मे 1848 में तब प्रकाश में आया जब एक जर्मन व्यक्ति ने इसे खोजा। उन्होंने वैज्ञानिकों को बर्फ से ढंके एक ऊँचे पहाड़ की अपनी खोज़ के बारे में बताया। वैज्ञानिक भू-मध्य रेखा के पास स्थित किसी बर्फ से ढंके पहाड़ के बारे में सुन कर हैरान रह गए थे।
3. स्थानिय लोगों का मानना है कि योहानी किन्याला (Yohani Kinyala) नाम के व्यक्ति ने सबसे पहले किलिमंजारो पर्वत की चढ़ाई की थी। ये लोग इस व्यक्ति के बारे में बताते हैं कि ये बचपन से ही वो पर्वतों में घूमने-फिरने का शौकीन था।
4. अगर On Paper बात की जाए, तो किलिमंजारो की सबसे पहली चढ़ाई जर्मनी के हेंस मेयर ने अपने दो साथियों के साथ 1889 में की थी। उस समय उन्हें इस पर्वत की चढ़ाई करने में 6 हफ्तों का समय लगा था, जबकि आज एक साधारण पर्वतारोही भी 5-6 दिनों में इसकी चोटी पर पहुँच सकता है।
5. पर्वत की सबसे ऊँची चोटी कीबो पर एक किताब को लड़की के बक्से में रखा गया है। इस किताब में चोटी पर पहुँचने वाले पर्वतारोही अपने अनुभव दर्ज करते हैं।
6. ग्लोबल वार्मिंग की वजह से किलिमंजारो पर्वत पर जमी बर्फ तेज़ी से पिघल रही है। 1912 के मुकाबलें यहां अब सिर्फ 20% बर्फ ही रह गई है। 2020 तक यहां की सारी बर्फ के पिघल जाने का अनुमान है।
7. एक अनुमान के अनुसार हर साल 25 हज़ार के करीब पर्वतारोही किलिमंजारो की चढ़ाई करने की कोशिश करते हैं, जिनमें से सिर्फ 50–60% ही इसकी चोटी पर पहुँचने में सफल हो पाते हैं। कुछ लोग इस काम में अपनी जान भी गंवा बैठते हैं।
8. किलिमंजारो पर्वत के ईर्द-गिर्द वाचगा और चागा (Wachagga and Chagga) जनजातियों के लोग रहते हैं। इन जातियों से आए गाइड पर्वतारोहियों को चढ़ाई करने में काफी सहायता करते है। लोकल गाइड के बिना पर्वत की चढ़ाई करनी मुश्किल है क्योंकि ये लोग यहां के चप्पे-चप्पे से वाकिफ हैं।
9. कार्ल एग्लॉफ (Karl Egloff) के नाम किलिमंजारो की सबसे तेज़ चढ़ाई करके उतरने का रिकार्ड दर्ज है। कार्ल महज 6 घंटे 43 मिनट में किलिमंजारो के ऊपर पहुँचकर नीचे आ गए थे। 13 अगस्त 2014 से अब तक ये रिकार्ड उनके नाम है।
10. ये पर्वत किलिमंजारो नेशनल पार्क का हिस्सा है जो लगभग 1,688 वर्गकिलोमीटर में फैला हुआ है। लगभग 52 हज़ार लोग हर साल इस पार्क में घूमने आते हैं। ये पार्क धरती के उन गिने-चुने स्थानों में से एक है, जहां सभी मुख्य ईकोलोजिकल सिस्टम मौजूद हैं, खेती लायक जमीन से लेकर वर्षावनों तक और पहाड़ो से लेकर रेगिस्तान तक।
11. किलिमंजारो क्रिस्चियन मेडिकल सेंटर के अनुसार जनवरी 1996 से अक्तूबर 2003 तक लगभग 25 लोग किलिमंजारो की चढ़ाई करते हुए मारे गए हैं। इनमें से 17 महिलाएं थी और बाकी 8 पुरूष। जनवरी 2006 में अमेरिका के तीन नागरिक भी चढ़ाई करते समय चट्टान गिर जाने की वजह से मारे गए थे। सितंबर 2008 में चोटी तक पहुँचने के सिर्फ 18 मीटर पहले ही एक खूफिया एजेंसी के एजेंट की मौत हो गई थी।
12. रजनीकांत जी की Robot फिल्म तो आपने देखी ही होगी। उसमें किलिमंजारो पर्वत नाम का एक गाना भी है। वो गाना इसी पर्वत पर आधारित है।
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