कोयला भारत का प्रमुख उर्जा स्रोत है। भारत अपनी व्यावसायिक उर्जा का 67% हिस्सा कोयले से ही प्राप्त करता है। इसके सिवाए कार्बो-रासायनिक उद्योगों और घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए भी कोयले का उपयोग किया जाता है।
भारत में कोयला प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। बढ़िया कोयले के कुल सुरक्षित भंडार के हिसाब से भारत का संसार में अमेरिका के बाद दूसरा स्थान है। बढ़िया कोयले का अर्थ है एंथ्रेसाइट (Anthracite) और बिटुमिनस (Bituminous) प्रकार का कोयला।
भारत में कोयले का वितरण – Distribution of Coal in India
भारत में कोयले का वितरण समान नहीं है। कुछ राज्य ही भारत के कोयला उत्पादन में ज्यादातर योगदान देते हैं। जबकि कुछ राज्य ऐसे भी है जिनमें बिलकुल भी कोयला नहीं पाया जाता।
छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, तेलांगाना और आन्ध्रप्रदेश भारत में कोयला उत्पादन करने वाले प्रमुख राज्य हैं। इन सभी राज्यों में गोंडवाना युगीन कोयला पाया जाता है जिसकी आयु लगभग 20 करोड़ साल है। गोंडवाना क्षेत्र से भारत का 98% कोयला उत्पादन होता है।
भारत का 2% कोयला तृतीय कल्प या टर्शियरी काल (Tertiary Period) के क्षेत्रों में भी मिलता है। ये कोयला क्षेत्र मेघायल, असम, अरूणाचल प्रदेश, नागालैंड, राजस्थान तथा तमिलनाडू राज्यों में पाए जाते है। इस कोयले की आयु 6 करोड़ साल है।
निम्न तालिका 31 मार्च 2020 तक राज्य द्वारा भारत में अनुमानित कोयला भंडार को दर्शाती है। (The following table shows the estimated coal reserves in India by state as of 31 March 2020.)
- राज्य – कोयला भंडार (अरब मीट्रिक टन में) – कोयला क्षेत्र का प्रकार
- झारखंड – 85.602 – गोंडवाना
- ओडिशा – 84.652 – गोंडवाना
- छत्तीसगढ़ – 69.432 – गोंडवाना
- पश्चिम बंगाल – 32.937 – गोंडवाना
- मध्य प्रदेश – 29.285 – गोंडवाना
- तेलंगाना – 22.225 – गोंडवाना
- महाराष्ट्र – 12.728 – गोंडवाना
- आंध्र प्रदेश – 1.607 – गोंडवाना
- बिहार – 2.751 – गोंडवाना
- उत्तर प्रदेश – 1.062 – गोंडवाना
- मेघालय – 0.576 – तृतीय कल्प
- असम – 0.525 – तृतीय कल्प
- नागालैंड – 0.446 – तृतीय कल्प
- सिक्किम – 0.101 – गोंडवाना
- अरुणाचल प्रदेश – 0.09 – तृतीय कल्प
भारत में कोयला उत्पादक क्षेत्र – Coal Producing Areas in India
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ भारत का सबसे ज्यादा कोयला निकालने वाला राज्य है। छत्तीसगढ़ भारत का लगभग 21% कोयला उत्पादित करता है। कोयले के सुरक्षित भंडारों की दृष्टि से इसका भारत में तीसरा स्थान है। यहां भारत के 17% कोयला भंडार सुरक्षित हैं।
सोनहार, कोरबा, विश्रामपुर, लखनपुर, झिलमिली, चिरमिरी और मांड़-रायगढ़ छत्तिसगढ़ के प्रमुख कोयला क्षेत्र हैं। राज्य में उत्पादित ज्यादातर कोयले का उपयोग बिजली बनाने के लिए किया जाता है।
झारखंड़
झारखंड़ दूसरे स्थान पर भारत का सबसे ज्यादा कोयला निकालने वाला राज्य है जो हर साल भारत के कुल कोयला उत्पादन में लगभग 20% योगदान देता है। कोयले के सुरक्षित भंडारों की दृष्टि से इसका भारत में पहला स्थान है। यहां भारत के 30% से ज्यादा कोयले के भंडार सुरक्षित हैं।
डरला, झरिया, बोकारो, गिरिडीह, करनपुरा और रामगढ़ झारखंड़ के प्रमुख कोयला निकालने वाले क्षेत्र हैं।
झारखंड़ राज्य में कोयले के सिवाए कई तरह के खनिज पाए जाते है जिसकी वजह से ये विभिन्न उद्योगों का केंद्र है। यहां की कुछ प्रमुख कंपनियां हैं- Eastern Coalfields, Central Coalfields, Tata Steel, Lafarge Cement और Tata Power.
ओडिशा
ओडिशा भारत के कुल कोयला उत्पादन में हर साल लगभग 19% का योगदान देता है जिसकी वजह से ये भारत का कोयला निकालने वाला तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। यहां भारत के 25% कोयले के भंडार सुरक्षित हैं।
तल्चर ओडिशा का कोयला निकालने वाला प्रमुख क्षेत्र है। तल्चर की जमीन में राज्य का कुल 75% कोयला सुरक्षित है। यहां मिलने वाला कोयला घटिया किस्म का है जिसकी वजह से उसका उपयोग भाप और गैस बनाने के लिए किया जाता है।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश हर साल भारत के 13% कोयले का उत्पादन करता है जबकि यहां देश का मात्र 7% कोयले का भंडार है।
पहले मध्य प्रदेश कोयला उत्पादन करने वाला दूसरा सबसे बड़ा राज्य हुआ करता था लेकिन जब से छत्तिसगढ़ इससे अलग हुआ है तब से कोयला उत्पादन में पीछे रह गया है।
यहाँ के मुख्य कोयला उत्पादक क्षेत्र सिंगरौली, सोहागपुर, जोहिल्ला और अमरिया हैं।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र भारत का तेज़ी से विकसित हो रहा राज्य है। यहां पर हर साल भारत का 9% कोयला निकाला जाता है जबकि यहां पूरे देश के मात्र 3% सुरक्षित कोयले के भंडार हैं।
नागपुर, वर्धा, बलरपुर और बंदेर यहां के प्रमुख कोयला क्षेत्र हैं।
पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल भारत का 7वां सबसे बड़ा कोयला उत्पादक क्षेत्र है। यहां कोयले के बड़े भंडार सुरक्षित है। रानीगंज इस राज्य का सबसे प्रमुख कोयला क्षेत्र है, जिसका कुछ भाग झारखंड़ में भी पड़ता है। यहां आसनसोल शहर के पास कोयले की खानें बहुत मशहूर हैं। बांकुरा जिले के मेजिया में भी कोयला निकाला जाता है।
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