अरावली पर्वतमाला के बारे में 17 रोचक तथ्य | Aravali Hills in Hindi

Aravali Hills in Hindi

अरावली पर्वतमाला भारत की एक पर्वत श्रेणी है। ये पर्वत-माला देश के उत्तरी-पश्चिमी भाग में फैली हुई है। अरावली शब्द संस्कृत भाषा के दो शब्दों – “अरा” और “वली” से मिलकर के बना है, जिसका अर्थ होता है – “चोटियों की रेखा” (line of peaks)।

अरावली पर्वतमाला के बारे में 17 रोचक तथ्य – Aravali Hills in Hindi

1. अरावली पहाड़ियाँ भारत के चार राज्यों – राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और दिल्ली में फैली हुई हैं।

2. यह पर्वत श्रेणी गुजरात के अहमदाबाद और राजस्थान के अजमेर तथा जयपुर से होती हुई हरियाणा के दक्षिणी भाग में प्रवेश करती हुई दिल्ली के दक्षिणी भाग तक जाती है। दिल्ली पहुँचने पर इसकी ऊँचाई बेहद कम हो जाती है और ये मैदान में विलीन हो जाती है।

3. अरावली पर्वत माला की लंबाई कितनी है? इस पर्वत श्रंखला की लंबाई 692 किलोमीटर है।

4. इस पर्वत श्रंखला का 80% भाग राजस्थान में है और ये पर्वत श्रंखला राजस्थान को उत्तर से दक्षिण की ओर दो भागों में बांट देती है।

Bharat ki Pahadi Ladia

5. दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति भवन रायशेला पहाड़ी पर बना हुआ है जो कि अरावली पर्वतों की ही भाग है।

6. अरावली पहाड़ियों की औसत ऊँचाई 930 मीटर है।

7. दक्षिणी भाग में ये अधिक चौड़ी और ऊँची है जबकि उत्तर की तरफ जाते हुए इनकी ऊँचाई कम होते जाती है।

8. अरावली की दक्षिणी पहाड़ियों में ही हरियाली और घने जंगल पाए जाते है जबकि उत्तर के ज्यादातर क्षेत्र रेतीले और पथरीले हैं।

9. अरावली की सबसे ऊंची चोटी कौन सी है? अरावली की सबसे ऊँची चोटी का नाम गुरू-शिखर है जो सागर तल से 1,722 meter ऊंची है। ये माउंट आबू शहर में स्थित है।

10. अरावली पर्वत कई तरह के खनिजों से भरे पड़े हैं। सीसा, तांबा और जस्ता यहां मिलने वाले प्रमुख खनिज हैं।

11. पहाड़ियों के पश्चिम में विशाल थार मारूस्थल स्थित है। पहाड़ियाँ इसे पूर्व की ओर फैलने से रोकती हैं।

12. अरावली पहाड़ियों से कई नदिया भी निकलती है, जिनमें से बाना, लूनी, साखी और साबरमती प्रमुख हैं।

13. अरावली पर्वतों का इतिहास – अरावली पर्वत देश की सबसे प्राचीन पर्वत श्रंखला हैं। वलित पर्वतों (मोड़दार पर्वत/Fold mountains) के रूप में इनका निर्माण हुआ था जो कि लंबी अवधि तक अपरदन के बाद अब अवशिष्ट पर्वतों (Residual mountain) का रूप धारण कर गए हैं।

14. इन पहाड़ियों के अलग-अलग जगह अलग-अलग नाम हैं। उदयपुर में इन्हें ‘जग्गा पहाड़ियां’, अलवर में ‘हर्षनाथ की पहाड़ियां’ और दिल्ली में ‘दिल्ली की पहाड़िया’ के नामों से जाना जाता है।

15. कार्बन डेटिंग के आधार पर, अरावली रेंज में तांबे और अन्य धातुओं का खनन कम से कम 5वीं शताब्दी से हो रहा है। हाल के शोध से संकेत मिलता है कि सोठी-सीसवाल काल (4000 ईसा पूर्व) के दौरान इस क्षेत्र में तांबे का खनन पहले से ही हो रहा था। प्राचीन कालीबंगन और कुणाल, हरियाणा की बस्तियों ने यहाँ तांबा प्राप्त किया।

16. अरावली पहाड़ियां राजस्थान के कुल क्षेत्रफल का 9.3% हिस्सा है।

17. अरावली पर्वत श्रृंखला रेगिस्तान को फैलने से रोकने के साथ-साथ ताजे पानी का भी एक स्रोत है। इसके अलावा पहाड़ी के साथ फैले जंगल लाखों जीव-जंतुओं का घर बने हुए हैं।

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