प्रोटीन एक पोषक पदार्थ है जो मानव शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और शरीर की मरम्मत करता है। Protein शब्द ग्रीक भाषा के शब्द ‘proteios’ से निकला है, जिसका अर्थ होता है – मुख्य (primary) या पहली जगह बनाने वाला (holding first place).
प्रोटीन कैसे बना होता है?
प्रोटीन एक नाइट्रोजन युक्त पदार्थ है जिसकी रचना लगभग 20 ऐमिनो अम्लों (Amino acids) से होती है।
प्रोटीन के भीतर, कई अमीनो एसिड पेप्टाइड बॉन्ड (peptide bonds) द्वारा एक साथ जुड़े हुए हैं, जिससे एक लंबी श्रृंखला बनती है। पेप्टाइड बॉन्ड जैव रासायनिक प्रतिक्रिया से बनते हैं।
शरीर द्वारा प्रोटीन कैसे प्रयोग किया जाता है?
प्रोटीन हमारे शरीर में कई काम करता है, जैसे कि हम पहले ही बता चुके हैं कि ये मानव शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और शरीर की मरम्मत करता है। हमारे शरीर का 15% भाग प्रोटीन से ही बना होता है।
इसके प्रमुख काम हैं-
ये कोशिकाओं (cells), जीवद्रव्य(organisms) और ऊतकों (tissues) को बनाने की प्रक्रिया में हिस्सा लेता है।
शरीर के बढ़ने-फुलने के लिए प्रोटीन जरूरी है। इसके बिना शरीर का विकास रुक जाता है।
ये जैव उत्प्रेरक एवं जैविक नियंत्रक के रूप में कार्य करते हैं। (They work as biological catalysts and biological controllers.)
शरीर के एक हिस्से से दूसरे तक संकेतों (signals) को ले जाने के लिए प्रोटीन का उपयोग किया जाता है।
हमें रोजाना कितने प्रोटीन की जरूरत होती है?
हमारे शरीर को 20 प्रकार की प्रोटीन की जरूरत होती है जिसमें से 10 शरीर के अंदर बनती हैं और 10 हमें भोजन से प्राप्त होती हैं।
अगर रोजाना प्रोटीन की मात्रा की बात करें, तो ये नीचे बताया गया है कि उम्र के हिसाब से आपको हर रोज़ कितने ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए।
[table]
आयु,प्रोटीन की जरूरत (ग्राम में)
शिशु,10
किशोर लड़के,52
किशोर लड़कियां,46
पुरुष,56
महिलाएं,46
गर्भवती / स्तनपान कराने वाली महिलाएं,71
[/table]
कौन से भोजन पदार्थ प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं?
दूध, अंडा, कली, बादाम, दाल, सोयाबीन, पनीर, मांस, मछली, अंडे की जर्दी प्रोटीन के अच्छे स्रोत है। इसके सिवाय कुछ अन्य भोजनों में प्रोटीन की दर नीचे दी गई है।
[table]
भोजन,प्रोटीन की दर
अंडे (संपूर्ण),100
चिकन,79
मछली,70
गाय का दूध,60
Unpolished चावल,59
मूंगफली,55
मटर,55
सोया बीन,47
मक्का,36
सूखी फलियाँ,34
सफेद आलू,34
[/table]
प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग कौन से हैं?
प्रोटीन की कमी से सीधा सा असर तो ये होता है कि शरीर का विकास रुक जाता है। प्रोटीन की कमी से बच्चों में क्वाशियोर्कर और मरास्मस नाम के रोग हो जाते हैं।
क्वाशियोरकर – इस रोग के कारण बच्चों के हाथ-पाँव दुबले-पतले हो जाते हैं और उनका पेट बाहर की और निकल आता है।
मरास्मस – इससे बच्चों की मांसपेशियाँ ढीली हो जाती हैं।
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