पृथ्वी वल्लभ कौन था? Prithvi Vallabh in Hindi

इतिहास में रूचि रखने वालों ने जब सोनी टीवी के नए धारावाहिक ‘पृथ्वी वल्लभ – इतिहास भी, रहस्य भी’ को देखा होगा तो उन्होंने ये जरूर महसूस किया होगा कि उन्होंने कभी भी किसी पुस्तक में ‘पृथ्वी वल्लभ’ नामक राजे के बारे में नही पढ़ा है। दरासल ऐसा इसलिए है क्योंकि पृथ्वी वल्लभ नाम का कोई राजा असल में था ही नही।

पृथ्वी वल्लभ कौन था

तो फिर कौन है पृथ्वी वल्लभ

पृथ्वी वल्लभ 1920 में कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी (K. M. Munshi) जी द्वारा लिखे गए नावल का प्रमुख पात्र है।

पृथ्वी वल्लभ जम्मू और कश्मीर के प्राचीन नगर अवंतिपुर का राजा है जो बेहद नर्मदिल है और किसी राज्य पर हमला नहीं करना चाहता। वो कवि भी है जो न्याय को पसंद करता है।

पृथ्वी वल्लभ के पड़ोसी राजा का नाम तैलप होता है जो एक अत्याचारी और हिंसक राजा है। वो अपनी भहन मृणालवती और एक अन्य साथी राजा के साथ मिलकर पृथ्वी को बंदी बना लेता है।

पृथ्वी वल्लभ को जेल में भेज दिया जाता है, वहां पर वो तैलाप की भहन मृणालवती के प्यार में पड़ा जाता है।

पर ध्यान में रखने वाली बात ये है कि सोनी टीवी ने अपने इस धारावाहिक को बिलकुल नावल की कहानी पर आधारित नही बनाया है। उन्होंने स्थानों में परिवर्तन कर दिया और कई चीजें अपनी और से भी जोड़ी हैं।

सोनी टीवी वैसे तो इस धारावाहिक को औपचारिकता के लिए काल्पनिक करार देता है लेकिन असल में उसने कुछ इतिहासिक तत्वों के आधार पर ही अपने किरदारों और जगहों को चुना है। जैसे कि पृथ्वी वल्लभ का किरदार परमार राजवंश के राजा वाकपति मुंज पर आधारित है। वाकपति मुंज ने राष्ट्रकुटों के बाद मालवा क्षेत्र में परमार राजवंश को मजबूत बनाया था। वाकपति मुंज का शासन काल 972 से 990 ईस्वी के बीच का था और उन्हें कवियों और विद्वानों को बढ़ावा देने वाला राजा माना जाता था।

धारावाहिक में तैलप राजा का राज्य मान्यखेट को बताया गया है और वो भारत के दक्षिण में स्थित है। तो वहीं उसकी भहन मृणालवती का नाम धारावाहिक में मृणाल के नाम से भी पुकारा जा रहा है।

सोनी टीवी का पृथ्वी वल्लभ धारावाहिक

सोनी टीवी ने अपने इस धारावाहिक का निर्माण बड़े पैमाने पर किया है। शो के मेकर्स का दावा है कि इसमें आपको ‘बाहुबलीफिल्म जैसा एहसास होगा क्योंकि इसमें अच्छे स्तर के विजुअल इफेक्ट्स का इस्तेमाल किया गया है।

माना जा रहा है इस शो के एपीसोड्स की संख्या सीमित होगी। जैसे हॉलीवुड में टीवी सीरीज़ बनाई जाती है, इसे भी उसी तरह से बनाया जाएगा।

सीरीयल को 2 Seasons में दिखाया जाएगा। हर Season में 40-40 एपीसोड्स होंगे। यानि कि इस धारावाहिक के कुल 80 एपीसोड बनेंगे।

हॉलीवुड में पहले कहानी लिखी जाती है, फिर उसे पूरा शूट किया जाता है और उसके बाद ही टीवी पर दिखाया जाता है। इसी तरह से हमें शायद पृथ्वी वल्लभ – इतिहास भी, रहस्य भी धारावाहिक में देखने को मिलेगा।

धारावहिक में पृथ्वी वल्लभ का किरदार अकसर ऐतिसाहिक किरदार निभाने वाले आशीष शर्मा जबकि मृणालनी का किरदार सोनारिका भदौरिया निभा रही हैं। सीरियल में एक्शन के साथ-साथ दोनों की प्रेम कहानी भी दिखाई जाएगी।

धारावाहिक के बाकी किरदार और उनके असल नाम इस तरह से हैं

असल नाम – किरदार
इशीता गांगुली – अमरूशा
जीतिन गुलाटी – तैलप
मुकेश ऋषि – सेना अध्यक्ष कलारी
शालिनी कपूर – राजमाता (पृथ्वी वल्लभ की मां)
पवन चोपड़ा – राजा सिंहदंत
सुनील कुमार पलवल – सिंधुराज
अंकुश बाली – र-निधि (कवि और पृथ्वी वल्लभ का मित्र)
यूनुस ख़ान – राजकुमार सत्य-हॉरे
हनूर कौर – विल-वती
स्वाती राजपूत – सुलोचना
सुरेंद्र पाल – गुरु विनयादित्य
शीज़ान मोहम्मद – राजा भोज
अलेफिया कपाड़िया – सावित्री (सिंधुराज की पत्नी)
पियाली मुंशी – जक्कला
गुरदीप कोहली – उज्जवला (मृणाल की मां)
दिव्यंगना जैन – कोशा

पृथ्वी वल्लभ के लेखक कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी

श्री कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी (30 December 1887 – 8 February 1971) जिन्हें ‘K.M. Munshi’ के नाम से भी जाना जाता है गुजरात राज्य के स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ, वकील, लेखक और शिज्ञाविद थे।

वैसे तो उन्होंने हर क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य किया था लेकिन उन्हें भारतीय विद्या भवन शैक्षिक ट्रस्ट (educational trust) स्थापित करने और अपने लेखन कार्य के लिए जाना जाता है।

भारतीय विद्या भवन के पूरे भारत में 117 सेंटर है। मुंशी जी ने ज्यादातर काल्पनिक ऐतिहासिक विषयों पर लिखा है, जैसे कि –

1. भारत में आर्यों का शुरूआती समय
2. महाभारत और श्री कृष्ण जी से संबंधित
3. 10वी सदी के गुजरात, मालवा और दक्षिण भारत से संबंधित।

पृथ्वी वल्लभ नावल को उन्होंने 1920 में पूरा किया था। इस नावल पर साल 1943 में एक फिल्म भी बन चुकी है। ये फिल्म सोहराब मोदी ने बनाई थी। वर्तमान समय में सोनी टीवी पर इसे नए अंदाज़ में लाया जा रहा है।

Note : अगर आप पृथ्वी वल्लभ नावल को पढ़ना चाहते है, तो ये Amazon पर हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों में उपलब्ध है।

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