अमेरिका में 'हिंदू धर्म' और 'हिंदुओं' की क्या स्थिती है? जानिए

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अमेरिका में हिन्दू जनसंख्या

अमेरिका में हिंदू धर्म एक अल्पसंख्यक धर्म है। साल 2014 में अमेरिका में केवल 0.7% हिंदू थे जबकि 2017 के ताजा आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में हिन्दू जनसंख्या लगभग साढ़े 32 लाख तक पहुँच गई है जो देश की कुल जनसंख्या का 1% है।

अमेरिका में हिंदू प्रमुख रूप से भारत से आकर बसे है। भारत के सिवाए नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, भुटान, मालदीव, अफ़गानिस्तान, पाकिस्तान, मयांमार, इंडोनेशिया के बाली द्वीप, कैरेबीयन द्वीपो, फीजी और मॉरीशस के हिंदू भी यहां आकर बसे हुए हैं।

अमेरिका में हिंदुओं की स्थिती

अमेरिका में हिंदू धर्म के लोग बाकी धर्मों को लोगों के मुकाबले औसतन ज्यादा पढ़े लिखे हैं। लगभग 48 प्रतीशत अमेरिकी हिंदुओं के पास post-graduate degree है।

अमेरिकी हिंदुओं की औसतन आमदन बाकी वर्गों के मुकाबले सबसे ज्यादा है।

अमेरिकी हिंदुओं में तलाक दर सबसे कम है।

अगर अपराध के आंकड़ों को देखा जाए तो हिंदु धर्म के लोग यहां सबसे कम अपराधिक गतिविधियों में शामिल है, लगभग ना के बराबर। यहां एक भी आतंकवादी हमले या हिंसा में आजतक किसी हिंदू का नाम नहीं आया है।

अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि वो हिंदु धर्म के प्रशंसक है क्योंकि हिंदुओं ने अमेरिका के लिए बहुत कुछ किया है। इस तरह से जब बराक ओबामा का कार्यकाल खत्म हुआ था तो उन्होंने कहा था कि इस सदी में कोई यहुदी जा हिंदु अमेरिका का राष्ट्रपति बन सकता है।

इतिहास

माना जाता है आनंदीबाई गोपालराओ जोशी 1883 में अमेरिका पहुँचने वाली पहली हिंदु महिला थी। वो महज 19 साल की उम्र में पढ़ाई के लिए अमेरिका आई थी। उन्होंने यहां MD में Graduation की और 1886 में वापिस भारत चली गई। (लेकिन भारत पहुँचने के कुछ महीनों बाद ही उनकी मृत्यु हो गई थी।)

1893 ईसवी में अमेरिका के शिकागो में हुई विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद जी द्वारा दिया गया भाषण जगत प्रसिद्ध है। इस भाषण में उन्होंने अमेरिकियों के मन में हिंदु धर्म को लेकर भ्रम दूर किए थे और जब उन्होंने अपना भाषण खत्म किया तो पूरा हाल तालियों से गड़गड़ा उठा। उन्होंने लगभग 2 साल अमेरिका में व्यतीत किए और हिंदु धर्म का जगह – जगह प्रचार किया।

1902 में परमहंस योगानन्द अमेरिका आए और उन्होंने यहां वेदांत दर्शन का प्रचार प्रसार किया। अमेरिका में शुरुआती मंदिर बनाने का श्रेय वेदांत कमेटी को ही जाता है।

1965 से पहले अमेरिका के प्रवासी कानून की वजह से यहां ना के बराबर हिंदु थे पर कानून बदलने के बाद यहां पर हिंदुओं का प्रवास शुरू हुआ और आज 32 लाख से ज्यादा हिंदु अमेरिका में रहते हैं।

अमेरिका में हिंदू मंदिर

1893 में अमेरिका में हुई विश्व धर्म संसद में अपने प्रसिद्ध भाषण के बाद स्वामी विवेकानंद ने न्यूयॉर्क और सैन फ्रांसिस्को में वेदांत समाज का को स्थापित किया। वेदांत समाज ने वर्ष 1905 में सैन फ्रांसिस्को में पहले हिंदू मंदिर का निर्माण किया। हांलाकि यह मंदिर पारंपरिक मंदिरों से अलग थे।

संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे पुराना पारंपरिक हिंदू मंदिर कैलिफ़ोर्निया राज्य के कॉनकॉर्ड शहर में स्थित शिव मुरुगन मंदिर है जिसे पलानीसामी मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण 1957 में हुआ था जिसे जनता द्वारा निर्वाचित सदस्यों द्वारा चलाया जाता है।

वर्तमान समय में लगभग 450 हिंदू मंदिर अमेरिका में है। इनमें से 135 मंदिर न्युयॉर्क क्षेत्र में स्थित हैं। इसके बाद टेक्सस राज्य (28) और मैसाचुसेट्स (27) राज्य का नंबर आता है।

एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स का कहना है कि जब उनके गरीबी के दिन थे तो वो हफ्ते में एक दिन पेट भर खाना खाने लिए हर रविवार को हरे कृष्णा टेम्पल जाते थे और वहां का खाना उन्हें बहुत अच्छा लगता था।

अमेरिका के कुछ प्रसिद्ध हिंदू

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1. सुंदर पिचाई

सुंदर पिचाई दुनिया की टॉप 3 कंपनियों में से एक Google के CEO हैं। वो अक्तूबर 2015 में इस पद पर पहुँचे। उनका जन्म 1972 में एक तमिल परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम लक्ष्मी और पिता का नाम रघुनाथ है। उनकी पत्नी का नाम अंजलि है जिनसे उन्हें एक पुत्र और एक पुत्री प्राप्त हुई है।

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2. शलभ कुमार

शलभ कुमार शिकागो में रहने वाले एक उद्योगपित है जिनका जन्म 1948 में हरियाणा के अंबाला में हुआ था। 1969 ईसवी में University topper बनने के बाद bs महज 20 साल की उम्र में अमेरिका चले गए और अपनी मेहनत से काफी पैसा कमाया।

अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने डोनाल्ड ट्रंम्प को प्रचार के लिए सबसे ज्यादा पैसे दिए थे। उन्होंने करीब 6 करोड़ रूपए डोनाल्ड ट्रंप को दिए थे। उन्होंने अमेरिकी हिंदुओं का एक संगठन भी बनाया जिसने डोनाल्ड ट्रंप के लिए प्रचार किया था।

साल 2011 में जब ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में पाया गया था तब शलभ कुमार ने अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता का विरोध किया था।

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3. सत्य नडेला

सत्य नडेला 2014 Microsoft के CEO बनें। वे मूल रूप से भारत के हैदराबाद के रहने वाले हैं। उन्होंने मानिपाल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग में बीटेक किया है। तत्पश्चात् अमेरिका से कंप्यूटर साइंस में MS और MBA किया।

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