शेर और बाघ दोनों जंगली जानवर है जो बिल्ली प्रजाति के सदस्य हैं। अक्सर हम इन दोनों जानवरों को पहचानने में गलती कर जाते हैं। यहां तक कि बड़े-बड़े मीडिया संस्थानों के पत्रकार भी अपनी खबरों में कभी शेर को बाघ तो कभी बाघ को शेर बना देते हैं। लेकिन एक ही प्रजाति का होने के बावजूद दोनों में बहुत अंतर है जो आपको इस पोस्ट को पढ़ने के बाद पता चलेगा।
शेर और बाघ में अंतर
1. दिखावट से ही दोनों जानवरों को पहचाना जा सकता है। शेर (Lion) के गलें में बालों का एक बड़ा घेरा होता है लेकिन बाघों (Tigers) के ऐसा कुछ नहीं होता। मादा शेरों के गलें में बालों का घेरा नहीं होता है लेकिन उनके सिर की बनावट बाघों से अलग होती है।
2. बाघों के शरीर पर काली धारियां होती है जबकि शेरों के शरीर पर किसी तरह की धारियां नहीं होती।
3. बाघ शेरों के मुकाबले ज्यादा लंबे (long), भारी और ताकतवर होते है जबकि शेर बाघों के मुकाबले ऊँचाई में लंबे (tall) होते हैं।
4. बाघ शेरों के मुकाबले ज्यादा चुस्त, फुर्तीले और उग्र होते है जबकि शेरों के बारे में सोचा जाता है कि वो आलसी किस्म के होते है और तभी कुछ करते है जब उन्हें वाकये में कुछ करने की जरूरत पड़ती है।
5. शेर बाघों के मुकाबले ज्यादा सामाजिक होते है और झुंड में रहना पसंद करते है जिन्हें प्राइड्स (prides) कहा जाता है। शेर की तुलना में बाघ अकेले रहना पसंद करते हैं। (इस अंतर से रजनीकांत की फिल्म ‘शिवाजी द बॉस’ का डॉयलॉग फेल हो गया है। जिसमें वो कहते है – ‘झुंड में तो सुअर आते है, शेर अकेला आता है’। अब इसे बदलकर ऐसा कर दीजिए – ‘झुंड में तो शेर आते है, बाघ अकेला ही आता है’। 🙂 )
6. शेरों के हर झुंड में एक नर शेर झुंड की कमान संभालता है और शेरनी समूह के लिए शिकार करती है और फिर सब मिलकर उसे खाते है। बाघ अपने खाने का इंतज़ाम खुद शिकार करके करते हैं।
7. वर्तमान समय में शेर की 7 प्रजातियां जीवित हैं, जिनमें शामिल हैं- बर्बरी शेर (उत्तरी अफ्रीका), एशियाई शेर (भारत), कटंगा शेर (दक्षिण पश्चिम अफ्रीकी शेर), कांगो शेर (पूर्वोत्तर कांगो शेर), ट्रांसवाल शेर (दक्षिणपूर्वी शेर), न्युबियन शेर (पूर्वी अफ्रीकी शेर) और पश्चिम अफ्रीकी शेर। इसके विपरीत बाघ की लगभग 9 प्रजातियां हैं।
चीते, तेंदुए और जगुआर भी हैं बिल्ली प्रजाति के सदस्य
बिल्ली प्रजाति में कई जानवर शामिल है जिनमें शेर और बाघ समेत चीते, तेंदुए और जगुआर को बड़ी बिल्लियां (Big Cats) कहा जाता है क्योंकि यह बिल्ली प्रजाति के सबसे बड़े जानवर हैं।
आपने शेर और बाघ के बारे में तो जान लिया है। अब थोड़ा सा चीते, तेंदुए और जगुआर को भी जान लीजिए।
चीता (Cheetah)
चीता पृथ्वी के थल पर चलने वाला सबसे तेज़ प्राणी है। किसी समय यह भारत समेत रूस, ईरान और मध्य पूर्व में पाया जाता था पर लगातार शिकार होने की वजह से आज यह केवल अफ्रीका के पूर्वी और दक्षिणी भागों में पाया जाता है। वर्तमान समय में दुनिया में चीतों की गिणती महज 10 हज़ार के आसपास बची है।
चीते की आंखों से मुंह तक गहरी काली रेखाएं होती हैं। इसके शरीर पर काफी महीन काले रंग के धब्बे होते हैं। इसके सिवाए पांचो बड़ी बिल्लियों में इसके चेहरे का आकार सबसे छोटा होता है। सबसे बड़ी बात यह है कि चीता दहाड़ नहीं सकता है।
तेंदुआ (Leopard)
चीते की चुलना में तेदुएं की कदकाठी भारी होती है और उसके शरीर पर छोटे – छोटे काले रंग के धब्बे होते हैं। तेंदुआ अफ्रीका, भारत, एशिया के दूसरे हिस्सों समेत मध्य पूर्व के देशों में भी पाया जाता है। इसका आकार बाघ और शेर के मुकाबले छोटा होता है।
जगुआर (Jaguar)
जगुआर तेंदुए से मिलती जुलती प्रजाति है पर दोनों में सबसे बड़ा अंतर यह है कि जगुआर अमेरिका में पाए जाते हैं, जबकि तेंदुआ एशिया और अफ्रीका में। तेंदुए की तुलना में जगुआर का सिर बड़ा होता है और इसके शरीर के धब्बे बड़े और बिखरे हुए होते हैं।
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