बेबीलोन के झूलते बाग के 16 रोचक तथ्य | Hanging Gardens Of Babylon in Hindi

Hanging Gardens Of Babylon in Hindi

बेबीलोन के झूलते बाग़ प्राचीन विश्व के 7 अजूबों में से एक हैं। माना जाता है कि यह बाग़ इराक के प्राचीन शहर बेबीलोन में स्थित थे। हांलाकि ऐसा कोई पक्का सबूत मौजूद नहीं है जिससे यह साबित हो सके कि यह बाग़ असल में थे भी या नहीं। कहा जाता है कि यह झूलते बाग़ ज़मीन पर स्थित नहीं थे बल्कि किसी महल की पत्थर की छतों के ऊपर उगाए गए थे। अगर यह बाग़ सचमुच में स्थित थे, तो यह इंसान द्वारा बनाए गए सबसे सुंदर बागों में से एक होते।

बेबीलोन के झूलते बाग के 16 रोचक तथ्य – Hanging Gardens Of Babylon in Hindi

1. बेबीलोन के झूलते बाग़ प्राचीन विश्व के 7 अजूबों में से एकलौते ऐसे अजूबें है जो शायद कभी अस्तित्व में ही नहीं थे।

2. कहा जाता है कि इन बागों को राजा नबूकदनेस्सर दूसरे (Nebuchadnezzar) द्वारा अपनी रानी ऐमेटिस (Amytis) को खुश करने के लिए बनाया था।

3. रानी ऐमेटिस विवाह से पहले जहां रहती थी वहां पर झरनें, ऊँचे पेड़ और फूलों से लदी झाड़ियां आम बात थी लेकिन बेबीलोन में इन सभी का अभाव था। इसीलिए राजा नबूकदनेस्सर ने उनके लिए झरनों, झीलों और वृक्षों से भरा यह बगीचा तैयार करवा दिया।

नबूकदनेस्सर दूसरे के महल के अवशेष

4. राजा नबूकदनेस्सर दूसरे ने 605 से 562 ईसापूर्व तक लगभग 43 साल तक शासन किया और माना जाता कि यह बाग इसी अवधि में बने थे। यह भी कहा जाता है कि ईसा से 2 सदियों पहले एक भयंकर भूकंप आ जाने के कारण यह बाग़ नष्ट हो गए थे।

5. बहुत से प्राचीन ग्रीक और रोमन इतिहासकारों ने इन बागों के बारे में लिखा है कि यह बाग क्यों, कैसे और किसने बनवाए थे। लेकिन उन में से ज्यादातर के विवरण अलग-अलग हैं।

6. वर्तमान समय में इन बागों का कोई भी पक्का पुरातात्विक प्रमाण नहीं मिल पाया है। लेकिन माना जाता है कि अगर यह बाग़ आज होते तो बग़दाद शहर के दक्षिण में स्थित होते।

7. अगर बेबीलोन के झूलते बाग़ सचमुच में अस्तित्व में थे, तो इनकी सिंचाई करने के लिए रोज़ाना 31 हज़ार लीटर पानी की जरूरत पड़ती होगी।

8. माना जाता है कि ये बाग़ 75 फीट की ऊँचाई पर स्थित थे।

9. जिस समय यह बाग अस्तित्व में माने जाते है, आज उस समय की कई मिट्टी की लिखी हुई तख्तियां मौजूद हैं जिनमें से एक पर भी इन बागों का वर्णन नहीं है।

10. इन बागों को ‘सेमीरामीस के झूलते बाग़’ भी कहा जाता है।

11. झूलते बाग़ दरासल लटके हुए नहीं थे बल्कि किसी महल की सभी छतों पर उगे हुए थे।

12. कई इतिहासकारों और पुरातत्वविदों को मानना है कि यह बाग़ सचमुच में अस्तित्व में थे और युद्ध और प्राकृतिक कारणों के कारण यह नष्ट हो गए।

13. एक ग्रीक इतिहासकार डायोडोरस सिकुलस (Diodorus Siculus) ने वर्णन किया है कि यह बाग़ महल जा किले की सभी छतों पर 400 वर्गफुट के दायरे में फैले हुए थे। इस महल जा किले की दीवारें 80 फुट तक ऊँची थी।

14. डायोडोरस सिकुलस के वर्णन के आधार पर सन 1899 से 1917 के बीच एक जर्मन पुरातत्वविद रॉबर्ट कॉल्डवे ने एक ऐसी जगह को खोज़ निकाला जो डायोडोरस के झूलते बाग़ों के विवरण से मिलती जुलती थी। उन्होंने खोज़ी गई जगह के फर्श पर तीन बड़े बड़े सूखे कुंड खोज़े। माना जाता है कि यह कुंड झूलते बाग़ों की सिंचाई करने के लिए उपयोग किए जाते थे।

15. पुरातत्वविद रॉबर्ट कॉल्डवे द्वारा खोज़ी गई जगह पर कई विद्वान प्रश्न उठाते है क्योंकि वो जगह बेबीलोन से 480 किलोमटीर दूर स्थित है।

16. नई खोजों से पता चला है कि ऐसे बाग़ सचमुच में अस्तित्व में हो सकते थे क्योंकि उस समय ऐसे बाग़ बनाना कोई मुश्किल काम नहीं था। हांलाकि यह कहां स्थित थे यह प्रश्न अभी भी बरकरार है।

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