गैलीलियो के बारे में 19 रोचक तथ्य – Interesting Facts About Galileo in Hindi
1. गैलीलियो गैलिली का जन्म 1564 ईसवी में इटली के पीसा शहर में हुआ था। गैलीलियो अपने माता पिता की 6 संतानों में सबसे बड़े थे। गैलीलियो के पिता एक famous music teacher थे।
2. गैलीलियो जब 10 साल के थे, तो उनका परिवार पीसा से फ्लोरेंस शहर चला गया जहां उन्होंने अपनी शिक्षा शुरू की।
3. गैलीलीयो एक बहुत ही अच्छे संगीतकार और मेधावी छात्र थे। वो डॉक्टर बनना चाहते थे इसलिए 1581 ईसवी में महज 17 साल की उम्र में वो डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए पीसा की यूनिवर्सिटी चले गए।
4. गैलीलियो जब यूनिवर्सिटी में थे तब उनकी रूचि डॉक्टरी के बजाय physics और math में हो गई। एक दिन गैलीलियो प्रार्थना के लिए चर्च गए तो उनका ध्यान चर्च की छत के ऊपर लगे एक लैंप पर पड़ा जो हवा की वजह से झूल रहा था। उन्होंने ध्यान दिया कि लैंप को हर डोलन पूरा करने में एक बराबर समय ही लग रहा था, भले ही डोलन की लंबाई हर बार अलग होती। डोलन पूरा होने का समय वो अपनी नब्ज के जरिए नापते थे।
5. गैलीलियो ने चर्च में किए गए अपने अवलोकन की जांच के लिए कई प्रयोग शुरू कर दिए। उन्होंने इसके लिए पेंडुलम का सहारा लिया। उन्होंने पाया कि अगर हम पेंडुलम को लटका कर उसे झुलाते है, तो उसके बड़े डोलनों और छोटे डोलनों में एक बराबर समय ही लगता है।
6. अपने इस शोध को लेकर वो अपने एक प्रोफेसर के पास भी गए, पर प्रोफेसर गैलीलीयो के ऊपर भड़क पड़ें क्योंकि ये अवलोकन उस समय की वैज्ञानिक विचारधारा से बिलकुल उलट था जो कि यह कहती थी कि बड़े डोलन को ज्यादा समय और छोटे को कम समय लगता है।
7. गैलीलीयो के समय विज्ञान का मतलब वो नही था जो आज हम समझते है। उस समय लोग प्राचीन दार्शनिकों, जैसे कि अरस्तु आदि के विचारों को आंख मूद कर सही मानते थे और उन पर प्रयोग करना बिलकुल भी जरूरी नहीं समझते थे। पर गैलीलियो सबसे अलग थे, वो पुरातन विचारधाओं को अपनी आंखों के सामने सच होते देखना चाहते थे अगर वो सही हों।
8. 1585 ईसवी में गैलीलियो ने पीसा यूनिवर्सिटी छोड़ दी और उन्हें एक अध्यापक की नौकरी मिल गई। उन्होंने अपने वैज्ञानिक प्रयोग जारी रखे।
9. गौलीलियो ने अपने से लगभग 100 साल पहले हुए वैज्ञानिक कोपर्निकस के शोधों का अध्ययन करना शुरू किया जिसने कहा था कि पृथ्वी गोल है और पृथ्वी समेत सभी ग्रह सूर्य के ईर्द-गिर्द चक्कर लगाते हैं। कोपर्निकस को इस खोज के कारण कट्टर ईसाइयों ने जिंदा जला दिया था जिनके अनुसार सूर्य समेत ब्रम्हांड के सभी पिंड पृथ्वी के ईर्द – गिर्द चक्कर लगाते हैं।
10. 1609 ईसवीं में गैलीलीयो ने हालैंड के एक वैज्ञानिक द्वारा बेहतरीन दूरबीन की खोज़ के बारे में सुना जिसकी सहायता से बहुत दूर की चीज़ों को आसानी से देखा जा सकता है। गैलीलियो ने स्वयं की बढ़िया दूरबीन बनाने की ठान ली, और उन्होंने ऐसा कर भी दिखाया। दूरबीन बनाने के बाद उन्होंने रात में आकाश का निरीक्षण शुरू कर दिया।
11. गैलीलियो ने अपनी दूरबीन की सहायता से लंबे समय तक बृहस्पति ग्रह का अध्ययन किया और उसके चार चंद्रमाओं को खोज़ निकाला, जिन्हें गैलीलीयन चंद्रमां भी कहते हैं। यह चार चंद्रमां हैं – लो, गनीमेड, कैलीस्टो और युरोपा।
12. बृहस्पति के सिवाए गैलीलियो ने यह भी पाया कि पृथ्वी के चंद्रमां की सतह समतल नहीं है और इस पर कई दराड़े और गड्ढें हैं। उन्होंने सूर्य पर पड़ने वाले काले धब्बों, शुक्र ग्रह की कलाओं और शनि ग्रह के छल्लों का भी अध्ययन किया।
13. 1632 ईसवी में खगोल विज्ञान के क्षेत्र में किए गए अपने अध्ययन के ऊपर गैलीलियो ने एक पुस्तक भी लिखी जिसमें उन्होंने बताया कि पृथ्वी कैसे सूर्य के ईर्द – गिर्द घूमती है। पर इसका उन्हें बहुत बुरा अंज़ाम भुगतना पड़ा।
14. जब कैथोलिक चर्च को गैलीलियो के कार्यो के बारे में पता चला तो उन्होंने इसे ईसाई धर्म की आस्था पर चोट माना और गैलीलीयो को उम्रकैद की सज़ा सुना दी, पर बाद में उन्हें घर पर नज़रबंद कर दिया गया।
15. घर में नज़रबंद रहने के बावजूद भी गैलीलियो ने लिखना जारी रखा पर उनके आखरी कुछ सालों में उनकी आंखों की शक्ति चली गई। 8 जनवरी 1642 ईसवी को 78 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई।
16. गैलीलियो गैलिली को आधुनिक विज्ञान का जन्मदाता माना जाता है, वो अल्बर्ट आइंस्टाइन के सबसे favourite scientist थे। स्टीफल हांकिस उनके बारे में कहते हैं – “गैलेलियो, शायद किसी भी अन्य व्यक्ति की तुलना मे, आधुनिक विज्ञान के जन्मदाता थे।”
17. गैलीलियो ने दर्शन शास्त्र का भी गहन अध्ययन किया था साथ ही वे धार्मिक प्रवृत्ति के भी थे। पर वो उस समय के लोगों की तरह कट्टर विचारवादी नहीं थे।
18. गैलीलियो ने प्रकाश की गति नापने का प्रयास भी किया था पर वो इसमें असफल रहे।
19. गैलीलियो ने ही जड़त्व का सिद्धांत हमें दिया जिसके अनुसार, ”किसी समतल पर चलायमान पिंड तब तक उसी दिशा व वेग से गति करेगा जब तक उसे छेड़ा न जाए”। बाद में यह जाकर न्यूटन के गति के सिद्धांतों का पहला सिद्धांत बना।
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