सम्राट अशोक को भारत ही नही बल्कि पूरे संसार का सबसे महान सम्राट माना जाता है जिसने ना केवल पूरे अखंड भारत पर एक छत्र राज किया अपितु बौद्ध धर्म को दुनिया के कई देशों तक पहुँचाया। अशोक के जन्म से लेकर उसके राजा बनने का इतिहास और कलिंग युद्ध के पश्चात बौद्ध धर्म अपनाने की कहानी इतिहासकारों के लिए एक रोचक विषय है।
सम्राट अशोक के बचपन से लेकर उनके सम्राट बनने की कहानी को Colors Tv के ‘चक्रवर्ती अशोक सम्राट‘ सीरियल में दिखाने की एक अच्छी कोशिश की गई है। पर सम्राट अशोक के जीवन से जुड़ी कई बातें ऐसी है जो ‘चक्रवर्ती अशोक सम्राट’ सीरियल और वास्तविक इतिहास से मेल नही खातीं।
सो पेश है ‘चक्रवर्ती अशोक सम्राट’ सीरियल से जुड़ी 6 बातें जो इतिहास से मेल नहीं खाती।
1. इतिहास के अनुसार अशोक का जन्म 304 ईसापूर्व में हुआ और इस समय उसके दादा चन्द्रगुप्त राज कर रहे थे।
‘चक्रवर्ती अशोक सम्राट’ सीरियल में दिखाया गया है कि अशोक के जन्म से पहले ही उसके दादा सम्राट चन्द्रगुप्त सब कुछ त्याग कर जैन मुनि हो गए। परंतु सच यह है कि अशोक के जन्म के 6वें वर्ष यानी कि 298 ईसापूर्व में सम्राट चन्द्रगुप्त ने राज छोड़ा था।
2. इतिहास में इस बात का कोई उल्लेख नही है कि आचार्य चाणक्य ने सम्राट अशोक को शिक्षा दी थी।
‘चक्रवर्ती अशोक सम्राट’ सीरियल के अनुसार आचार्य चाणक्य ने अशोक में एक योग्य शासक के गुण देखकर उसे राजनीति और कूटनीति की शिक्षा देनी शुरू कर दी थी। परंतु सत्य यह है कि इस बात का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नही है कि आचार्य चाणक्य ने अशोक को किसी प्रकार की शिक्षा दी थी, यहां तक कि इतिहास में कोई ऐसा उल्लेख भी नही मिलता जिसमें अशोक और चाणक्य की किसी भी प्रकार की मुलाकात का वर्णन हो। पर यह तथ्य जरूर गौर करने लायक है कि आचार्य चाणक्य की मृत्यु तब हुई थी जब अशोक 21 वर्ष के थे इसलिए यह जरूर संभव है कि उस समय दोनों एक दूसरे से अच्छी तरह से परिचित थे।
3. बिंदुसार एक मूर्ख राजा नही थे।
लेखकों ने सीरियल को रोमांचक बनाने के लिए वास्तविक इतिहास से बहुत छुट ली है और कई घटनाओं को नाटकीय रूपांतर देने के लिए बिल्कुल बदल दिया गया है, जिनमें से एक है अशोक के पिता सम्राट बिंदुसार का चरित्र। धारावाहिक में सम्राट बिंदुसार को एक बहुत ही दयालु और नर्म इंसान बताया गया है जो अपने आसपास होने वाली साजिशों से बेखबर रहता है। पर अगर हम इतिहास की मानें तो सम्राट बिंदुसार एक बहुत ही समझदार और योग्य शासक थे जो अपने साम्राज्य के प्रति बहुत जिम्मेवार थे। उस समय वो 75 फीसदी अखंड भारत पर राज करते थे और इतने बड़े क्षेत्र पर राज करने वाला राजा इतना मूर्ख नही हो सकता कि अपने आसपास होने वाली साजिशों से बेखबर रहे।
4. आचार्य चाणक्य का कत्ल नही हुआ था।
‘चक्रवर्ती अशोक सम्राट’ सीरियल के Episode No. 218 के अनुसार हेलेन और कुछ साजिशकर्ताओं ने मिलकर आचार्य चाणक्य की हत्या कर दी थी, परंतु ऐसा कोई ऐतिहासिक प्रमाण नही है जिसमें यह वर्णन हो कि आचार्य चाणक्य की हत्या की गई थी। ज्यादातर इतिहासकार मानते है कि चाणक्य राजकाज छोड़कर जंगल में चले गए जहां वो एक छोटी सी कुटिया में रहते थे।
5. सम्राट बिंदुसार जानते थे कि अशोक उनका पुत्र है।
सम्राट अशोक का जन्म राज महल में हुआ था और वो सम्राट बिंदुसार के बड़े पुत्रों में से एक थे। सीरियल के अनुसार सम्राट अशोक का जन्म एक गांव में हुआ था और उनके पिता बिंदुसार कुछ सालों तक इस बात से अपरिचित थे कि अशोक उनका पुत्र है, पर यह बात बिल्कुल गलत है।
6. सम्राट बिंदुसार की 16 पत्नियां थी नाकि 4
कलर्स टीवी के धारावाहिक में सम्राट बिंदुसार की सिर्फ 4 पत्नियां ही दिखाई जाती है जबकि बौद्ध साहित्य के अनुसार उनकी कुल 16 पत्नियां थी जिससे उन्हें कई पुत्र और पुत्रियां प्राप्त हुईं। धारावाहिक में सम्राट की एक पत्नी नूर खुरासान का प्रेम संबंध सम्राट के सौतेले भाई के साथ दिखाया जाता है, पर इस बात का कोई ऐतिसाहिक प्रमाण नही है कि बिंदुसार की किसी पत्नी का नाम नूर खुरासान था या उसका संबंध किसी और से था। लेखकों ने शायद इस विषय को धारावाहिक और रोमांचक बनाने के लिए जोड़ा।
Note : यह धारावाहिक अब कलर्स टीवी पर पूरा हो चुका है। इसके कुल 442 एपीसोड है जिन्हें आप इस लिंक पर देख सकते है।
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