माउंट एवरेस्ट दुनिया का सबसे ऊँचा पर्वत है, जो नेपाल और तिब्बत की सीमा पर महालंगुर हिमालय के उप-समूह में स्थित है। यह समुद्र स्तर से 29,032 फुट (8,849 मीटर) की ऊँचाई पर खड़ा है। पर्वत को ब्रिटिश सर्वेक्षक सर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर रखा गया था, जो भारतीय उपमहाद्वीप का अधिकतम हिस्सा का मापन और नक्शा बनाने में संलग्न थे। माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना शिखर पर पहुंचने के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण कदमों में से एक कहलाता है, और हर साल कई चढ़ाई करने वाले शिखर की ओर अपनी यात्रा शुरू करते हैं।
माउंट एवरेस्ट से जुड़े 21 रोचक तथ्य – Mount Everest in Hindi
1. माउंट एवरेस्ट दुनिया का सबसे ऊँचा पर्वत है जिसकी समुंद्र तल से ऊँचाई 8848.86 मीटर है। यह नेपाल में स्थित है।
2. एवरेस्ट पर्वत को नेपाल के लोग सागरमाथा कहते है। यह नाम नेपाल के इतिहासकार बाबुराम आचार्य ने 1930 के दशक में रखा था। सागरमाथा का अर्थ होता है – स्वर्ग का शीर्ष।
3. संस्कृत में एवरेस्ट पर्वत को देवगिरि और तिब्बत में सदियों से चोमोलंगमा अर्थात् पर्वतों की रानी के नाम से जाना जाता रहा है।
4. एवरेस्ट पर्वत का अंग्रेज़ी नाम इंग्लैंड के जार्ज एवरेस्ट पर रखा गया है। वह एक वैज्ञानिक थे जिन्होंने 1830 से 1843 की बीच भारत की ऊँची चोटियों का सर्वेक्षण किया था।
5. माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने का सबसे अच्छा समय मार्च से मई के बीच माना जाता है। इस दौरान बर्फ़ ताजा होती है, बारिश भी ना के बराबर होती है और अच्छी धूप की वजह से मौसम भी गुनगुना रहता है।
6. अब तक करीब 5000 लोग माऊंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुँचने में सफल रहे हैं, जिनमें एक 13 साल का लड़का, एक अंधा व्यक्ति और 73 साल की एक जापानी महिला बुजुर्ग भी शामिल है।
7. सागरमाथा पर चढ़ाई करने वाले पर्वतारोहयों को पहले 25,000 डॉलर (करीब 15.56 लाख रूपए) फीस देनी होती थी, पर वर्ष 2015 में नेपाली सरकार ने इसे कम करके 11,000 डॉलर (करीब 6.82 लाख रूपए) कर दिया।
8. आपको जानकर हैरानी होगी कि 1974 के बाद साल 2015 ही ऐसी साल रहा जब कोई भी एवरेस्ट पर्वत के शिखर पर नही पहुँच पाया। इसका मुख्य कारण था अप्रैल 2015 में नेपाल में आना वाला भयानक भुकंप।
9. एवरेस्ट पर्वत पर गए हर 100 में से 4 लोगों की मौत हुई है। कई तो ऐसे भी है जो पर्वत के शिखर पर पहुँचने के बाद नीचे उतरते समय अपनी जान गंवा बैठे।
10. माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुँचने के जुनुन को लेकर अब तक 200 से जयादा लोग अपनी जान गंवा चुके है। उनकी लाशे आज भी माऊंट एवरेस्ट पड़ी हुई हैं क्योंकि उन्हें इतनी ऊपर से नीचे लाना आसान काम नही है।
11. माऊंट एवरेस्ट पर पड़ी हुई लाशे बफ़्रीले माहौल के कारण जल्दी खत्म नही होती। कई बार तो चढ़ाई करने वाले इन लाशों पर पैर रखकर ऊपर चढ़ने या नीचे उतरने का सफ़र तय करते है।
12. एवरेस्ट पर सबसे ज्यादा मौते शिखर के करीब के हिस्से में होती है जिसे ‘डेथ जोन’ भी कहा जाता है। लोग अकसर चढ़ाई करने के समय गलती करके अपनी जान गंवा बैठते है।
13. माऊंट एवरेस्ट पर जाने वाले लोग अपने साथ काफी सारा सामान और खाने-पीने की चीज़े लेकर जाते है, जिससे पर्वत पर काफी कूड़ा जमा हो जाता है। एक अनुसान के अनुसार माऊँट एवरेस्ट पर 50 टन कूड़ा है जो इसे दुनिया का सबसे गंदा पर्वत बनाता है।
14. पानी का उबाल दर्जा 100°C होता है, पर माऊंट एवरेस्ट के शिखर पर यह महज 71°C रह जाता है।
15. माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करने के 18 अलग – अलग रास्ते हैं।
16. एवरेस्ट हर साल 2 सेंटीमीटर की दर से और ऊँचा हो रहा है।
17. वर्ष 2011 में दो नेपाली व्यक्ति सिर्फ 48 मिनट में पैरागलाडिंग की सहायता से माऊंट एवरेस्ट के शिखर से नीचे उतर गए, जब कि चोटी से नीचे उतरने का औसतन समय 3 दिन है।
18. एवरेस्ट पर्वत नेपाल के अप्रैल 2015 के भुकंप के कारण ढाई सेंटीमीटर नीचे धस गया था।
19. गर्मियों में माऊंट एवरेस्ट के शिखर का औसतन तापमान -20°C होता है सर्दियों में -35°C.
20. एवरेस्ट पर्वत समुंद्र तल के हिसाब से दुनिया का सबसे ऊँचा पर्वत है, पर अगर बात तल से लेकर शिखर तक की ऊँचाई की जाए तो हवाई द्वीप समूह का Mouna Kea (माऊना किया) पर्वत माऊँट एवरेस्ट से भी 1 किलोमीटर लंबा है। माऊना किया पर्वत का लगभग 6000 मीटर का हिस्सा समुंद्र में है और बाकी का समुंद्र के बाहर। समुंद्र तल से इसकी ऊँचाई 4207 मीटर है।
21. 1954 में माउंट एवरेस्ट की ऊँचाई 8848 मीटर नापी गई थी। लेकिन 2015 में नेपाल में आए भूकंप के बाद से माना जा रहा था कि माउंट एवरेस्ट की ऊँचाई 8848 मीटर नहीं रही। इसलिए नेपाल ने ऊंचाई मापने की तैयारी की। दिसंबर 2020 में लिए गए नए नाप के अनुसार माउंट एवरेस्ट की ऊँचाई 8848.86 मीटर है, जो कि पहले के माप से लगभग 86 सेंटीमीटर अधिक है।
माउंट एवरेस्ट के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
माउंट एवरेस्ट को हिंदी में क्या कहते हैं?
माउंट एवरेस्ट को हिंदी में फिलहाल कोई नाम नहीं दिया गया है। नेपाली में इसे सागरमाथा और संस्कृत में देवगिरि नाम दिया गया है।
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली महिला का नाम क्या है?
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली महिला का नाम जुंको ताबेई है। जुंको ताबेई जापान की रहने वाली थी और उन्होंने माउंट एवरेस्ट की यह चढ़ाई 16 मई 1975 को की थी।
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाला पहला भारतीय कौन था?
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पहले भारतीय तेन्ज़िंग नॉरगे शेरपा थे। असल में माउंट एवरेस्ट की सबसे पहली चढ़ाई में जो दो लोग थे, उनमें से एक तेन्ज़िंग नॉरगे शेरपा भी थे। वैसा इनका जन्म नेपाल में हुआ था। लेकिन जब (1953 में) इन्होंने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की थी, तब इनके पास भारतीय नागरिकता थी।
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला कौन थी?
बछेंद्री पाल (जन्म 24 मई 1954), माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला है। इन्होंने सन 1984 में माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की थी।
ऑक्सीजन के बिना माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाला प्रथम व्यक्ति कौन है?
रिइनहोल्ड मेसनर (Reinhold Messner) और पीटर हेबेलर (Peter Habeler) बिना ऑक्सीजन माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करने वाले प्रथम मानव थे। इन दोनों ने इक्ट्ठे 8 मई 1978 को बिना ऑक्सीजन माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की थी।
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाला सबसे कम उम्र का व्यक्ति कौन है?
अमेरिका के जॉर्डन रोमेरो (Jordan Romero) माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं। उन्होंने 13 साल 10 महीने और 10 दिन की उम्र में 22 मई 2010 को माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुँचने में सफलता हासिल की थी।
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