आज से लगभग 72 साल पहले दूसरे विश्वयुद्ध में अमेरिका द्वारा जापान के दो शहरो, हिरोशिमा और नागाशाकी पर गिराए गए परमाणु बंब मानवता को शर्मशार कर देने वाली घटना थी। इस हादसे में जहां पर लाखो लोग मारे गए थे, तो वहीं इससे भी ज्यादा कैंसर जैसी गंभीर बिमारियों का शिकार हुए थे, जिसे उनकी नसलों भी भुकत रही हैं।
आइए जानते है इस विनाशलीला और परमाणु बंबों से जुड़े 12 रोचक तथ्य-
1. पहला परमाणु बंब 6 अगस्त 1945 को सुबह सवा आठ बज़े हिरोशिमा पर और दूसरा इसके सिर्फ तीन दिन बाद, यानि कि 9 अगस्त को नागासाकी पर गिराया गया था।
2. हिरोशिमा पर जो परमाणु बंब गिराया गया था उसका नाम ‘Little Boy‘ और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बंब का नाम ‘Fat Man‘ था।
3. पहला बंब हिरोशिमा पर गिराए जाने का फैसला बंब गिराने से सिर्फ एक घंटे पहले लिया गया था क्योंकि हिरोशिमा का मौसम साफ था और प्लेन को आसानी से उड़ाया जा सकता था।
4. नागासाकी पर जो बंब गिराया गया था उसे पहले जापान के कोकुरा शहर पर गिराया जाना था, पर कोकुरा शहर का मौसम उस समय साफ़ नही था। इसलिए अमेरिकी सेना ने बंब को नागासाकी पर ही गिरा दिया। यही बम क्योटो शहर पर गिराने का भी प्लान बनाया गया था. लेकिन युद्ध के सेक्रेट्री हेनरी स्टिमसन ने इसे बदलवा दिया क्यूंकि उन्होंने अपनी पत्नी के साथ यहाँ पर हनीमून मनाया था और उनकी कई यादें इस शहर से जुडी हुई थी।
5. हिरोशिमा पर जो बम गिराया गया उसे ले जाने वाले विमान में साइनाइड की 12 गोलियाँ भी रखी गई थी, ताकि यदि मिशन फेल हो जाता है तो सारे ऑफिसर उन्हें खा लें।
6. हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए बंब एक दूसरे से बिलकुल अलग थे। 6 अगस्त को हिरोशिमा पर गिराया गया ‘लिटल ब्वॉय’ युरेनियम पर आधारित था और उसका वज़न 4000 किलो और लंबाई 10 फुट थी। नागासाकी पर गिराया गया ‘फैटमैन’ प्लुटोनियम पर आधारित था और उसका वज़न 4500 किलो और लंबाई 11.5 फुट थी।
7. सुतोमो यामागुच्ची (Tsutomu Yamaguchi) हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए जाने वाले दोनों बंबो से पीड़ित व्यक्ति हैं। हिरोशिमा पर बंब गिरने के दिन वो वहीं थे और बंब फटने के बाद उनके शरीर का कुछ हिस्सा बुरी तरह से झुलस गया और वो इलाज़ के लिए नागासाकी आ गए। जब वो हिरोशिमा बंब धमाके का हाल अपने एक करीबी को बता ही रहे थे तब अचानक नागासाकी वाले बंब के धमाके की आवाज़ भी उन्हें सुनाई थी। पर इस बार उन्हें कोई खा़स चोट नही आई थी क्योंकि वो बंब के प्रभाव क्षेत्र से थोड़ी दूर थे। सुतोमो यामागुच्ची का निधन 2010 में पेट के कैंसर की वजह से हो गया था।
8. हिरोशिमा और नागासाकी आज रेडियोएक्टिव फ्री शहर है क्योंकि दोनो बंब जमीन से कुछ सौ फुट की ऊँचाई पर हवा में फटे थे।
9. दोनो परमाणु बंबों के फटने से कुछ समय इनके आसपास के 4-5 किलोमीटर के दायरे का तापमान 6 हज़ार डिग्री सेल्सीयस तक पहुँच गया था। इस हमले से 1005 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चली थी और 10 वर्ग किलोमीटर में गहरे गढ्ढे बन गए थे।
10. हिरोशिमा हमले के एक महीने बाद शहर में एक चक्रवात आया था जिसका वजह से 2000 और लोग मारे गए।
11. हिरोशिमा और नागासाकी पर बम गिराने से पहले अमेरिका ने जापान पर 49 बम Practice के तौर पर गिराए थे। इन बंबों की वजह से 400 लोगो की मौत हो गई थी और 1200 लोग घायल हुए थे।
12. परमाणु बंबों के कारण हिरोशिमा और नागासाकी के लगभग तीन लाख लोग मारे गए थे। लगभग एक लाख लोग तो बंब गिरते ही मारे गए थे और बाकी के दो लाख अगले कुछ सालों में कैंसर जैसी गंभीर बिमारियों से लड़ते हुए तिल – तिल कर मर गए।
13. नागासाकी परमाणु हमले के 6 दिन बाद जापान के राजा हिरोहित्तो ने अमेरिकी सेना के सामने सरेंडर कर दिया। अगर जापान सरेंडर नही करता तो अमेरिका ने 19 अगस्त को एक और शहर पर परमाणु बम गिराने की योजना बना रखी थी।
14. अमेरिका ने कभी इन परमाणु बंबों से हुए जानी नुकसान की माफी नही मांगी। हाल ही में बराक ओबामा हिरोशिमा धमाके की बर्सी पर शोक प्रगट करने जापान जरूर गए थे, पर माफ़ी मांगने से इंकार कर दिया था।
15. सीटी स्कैन कराने से शरीर में उतनी ही रेडियशन की मात्रा पहुँचती है जितनी हिरोशिमा धमाके के प्रभाव क्षेत्र से दो किलोमीटर दूर स्तिथ व्यक्तिों में पहुँची।
16. हिरोशिमा बंब धमाके में लगभग 15 अमेरिकी भी मारे गए थे, इस बात का पता अमेरिका को 1970 में लगा।
दोस्तो अंत में हम भगवान से यही दुआ करेंगे कि आगे चलकर कभी भी दुनिया को ऐसे हादसों का सामना ना करना पड़े, क्योंकि यदि किसी स्थिती में परमाणु बंबों का इस्तेमाल होता भी है तो यह पूरी मानव जाति के बहुत खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि आजकल ऐसे बंब बन चुके है जो हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बंबों से भी कई सौ-हज़ार गुणा ज्यादा शक्तिशाली हैं।
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