यूरेनस ग्रह के बारे में 12 रोचक तथ्य | Uranus Planet in Hindi

Uranus planet in hindi
Uranus Planet – यूरेनस ग्रह – अरूण ग्रह

यूरेनस सूर्य से दूरी अनुसार सातवाँ ग्रह है। इसे हिंदी में अरूण ग्रह कहा जाता है। यह व्यास अनुसार तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है जबकि द्रव्यमान में चौथा। यूरेनस नेपच्चुन से आकार में बड़ा है परंतु द्रव्यमान में कम है।

यूरेनस ग्रह की रूपरेखा – Uranus Planet Profile in Hindi

सूर्य से दूरी : 287 करोड़ 6 लाख 58 हज़ार 186 किलोमीटर या 19.22 AU ( 1 AU = पृथ्वी से सूर्य की दूरी)
ज्ञात उपग्रह : 27
द्रव्यमान : 86,81,030 अरब किलोग्राम
भू – मध्य रेखीए व्यास : 51,118 किलोमीटर
ध्रुवीय व्यास : 49,964 किलोमीटर
भू-मध्य रेखा की लम्बाई : 159,354 किलोमीटर
एक साल : पृथ्वी के 84.2 साल या 30,685.15 दिन के बराबर
सतह का तापमान : -197°C
खोज तिथि : 13 मार्च 1781, विलीयम हर्शेल द्वारा

uranus earth comparison
यूरेनस और पृथ्वी की तुलना

यूरेनस ग्रह के बारे में 12 रोचक तथ्य – Uranus Planet in Hindi

1. यूरेनस आधुनिक युग में खोजा जाने वाला सबसे पहला ग्रह है। यह बुद्ध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि के मुकाबले पृथ्वी से बहुत ज्यादा दूरी पर स्थित है, जिस कारण इसे नंगी आँखो से आसानी से नही देखा जा सकता। जॉन फ्लेमस्टीन ने इस ग्रह को सबसे पहले रिकार्ड किया था परन्तु उस समय उन्होंने इसे तारा समझ कर उपेक्षित कर दिया और इसे ‘34 टौरी‘ नाम के तारे के रूप में वर्गीकृत कर दिया। 13 मार्च 1781 को विलियम ह्रशेल ने अपनी दूरबीन से इसे देखकर बताया कि यह तारा नही बल्कि ग्रह है। उन्होंने पहले भी इसे देखा था पर फ्लेमस्टीन की तरह ही इसे एक तारा समझ लिया था। वह इसे ‘किंग जार्ज तीसरे’ के नाम पर ‘George’s star’ नाम देना चाहते थे परन्तु खगोल शास्त्री बोडे ने ग्रीक मिथको के देवताओं के नाम पर ग्रहों के नामकरण की परंपरानुसार इसे यूरेनस नाम दिया। ग्रीक कथाओ में यूरेनस स्वर्ग का राजा है।

2. यूरेनस अपनी धुरी के समक्ष एक चक्कर 17 घंटे और 14 मिनट में पूरा करता है। यह पृथ्वी समेत बाकी सभी ग्रहों से उल्ट दिशा में अपनी धुरी के समक्ष एक चक्कर लगाता है। यूरेनस पूर्व से पश्चिम की और घूमता है जबकि पृथ्वी समेत बाकी अन्य ग्रह पश्चिम से पूर्व की ओर घूमते हैं।

3. यूरेनस ग्रह का अक्ष(धुरी) सौर मंडल के प्रतल के सामान है जिससे यह प्रतीत होता है कि यह सूर्य की परिक्रमा लुढ़कते हुए कर रहा है। इस कारण से इसका एक ध्रुव 42 साल सूर्य के सामने रहता है जब कि दूसरा 2 साल अंधेरे में।

4. Uranus को ‘ice giant’ ग्रह के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह मुख्यत विभिन्न तरह की बर्फ से बना है। इसके सिवाए यह चट्टानों, हाइड्रोजन और थोड़ी मात्रा में हीलीयम का बना हुआ है। इसके वातावरण में 83% हाइड्रोजन, 15% हीलीयम और 2% मिथेन है।

5. भले ही नेपच्चुन ग्रह यूरेनस से ज्यादा दूरी पर स्थित है पर फिर भी यूरेनस नेपच्चुन समेत बाकी सभी ग्रहों से ज्यादा ठंडा है। इसके वायुमंडल का औसतन तापमान कम से कम -224°C है।

6. अब तक लिए गए चित्रों में यूरेनस का रंग नीला दिखता है। इसका कारण है लाल रंग को इसके ऊपरी भाग में मौजूद मिथेन द्वारा सोखे जाना।

7. यूरेनस ग्रह के ऊपर मौजूद मीथेन के नीचे बादलों की पट्टियां है। यह पट्टियां ऊपर स्थित मीथेन की वजह से आसानी से नही देखी जा सकती है, पर वायेजर 2 द्वारा लिए गए चित्रों में इन्हें ध्यान से देखने पर देखा जा सकता है।

हब्बल दूरबीन द्वारा यूरेनस और उसके वलयो का लिया गया चित्र (Image credit - Hubble)
हब्बल दूरबीन द्वारा यूरेनस और उसके वलयो का लिया गया चित्र (Image credit – Hubble)

8. अन्य गैस ग्रहों की तरह Uranus के भी वलय है। इसके अब तक 13 ज्ञात वलयों की खोज हो चुकी है। इसके वलय शनि की तरह चमकदार नही है बल्कि धुंधले है। शनि ग्रह के बाद सबसे पहले यूरेनस के वलय ही देखे गए थे, जिससे यह पता चला कि सभी गैसी ग्रहों के वलय होते है। शनि का इसमें एकाधिकार नही है। यूरेनस के वलय अत्यधिक गहरे कणों से बने हुए हैं, जो माइक्रोमीटर से लेकर मीटर के एक अंश तक के आकार में भिन्न हैं।

9. अब तक यूरेनस के 27 चंद्रमा खोजे जा चुके है। इनसे में से 5 बड़े है जबकि बाकी के छोटे। लेकिन यदि इन सबके द्रव्यमान को जोड़ दिया जा तो वह नेपच्चुन के सबसे बड़े चांद ट्राईटन के द्रव्यमान के आधे से भी कम होगा। यूरेनस के सबसे बड़े चंद्रमा टीटानिया का व्यास पृथ्वी के चंद्रमा के व्यास का लगभग आधा है। वैज्ञानिको का अनुमान है कि यूरेनस के वलयो के बीच और भी चंद्रमा हो सकते है।

10. यूरेनस के जो उपग्रह है उनके नाम शेक्सपीयर और अलैंग्जैंड़र पोप की रचनाओं के पात्रों के नाम ऊपर रखे गए हैं।

11. Uranus को पृथ्वी पर से नंगी आँखो से आसानी से तो नही पर कभी-कभी रात के साफ़ आसमान से देखा जा सकता है। परंतु बाइनाकुलर या छोटी दूरबीन से इसे आसानी से देखा जा सकता है।

12. अभी तक केवल एक अंतरिक्ष यान ही यूरेनस ग्रह पर गया है। नासा का वायेजर 2 जनवरी 1986 में यूरेनस के पास पहुँचा। यह युरेस की सतह से 81,000 किलोमीटर ऊपर इसके चक्कर लगाने लगा। इसने इस ग्रह के 11 छोटे चंद्रमाओं को खोजा। इसने यूरेनस, इसके उपग्रहों और वलयो( छल्लों) की हजारों तस्वीरे भेजी।

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