चाँद के बारे में 31 मज़ेदार तथ्य और महत्वपूर्ण प्रश्न

About Moon in Hindi

चाँद हमारी पृथ्वी का इकलौता प्राकृतिक उपग्रह है। वैज्ञानिकों का मानना है कि आज से 450 करोड़ साल पहले ‘थैया‘ नामक उल्का पृथ्वी से टकराया था जिसकी वजह से पृथ्वी का कुछ हिस्सा टूट कर अलग हो गया, जो कि चाँद बना। उस समय पृथ्वी द्रव रूप में थी। चाँद 27.3 दिनो में पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करता है और पृथ्वी के समुंदरों पर आने वाले ज्वार और भाटे के लिए जिम्मेदार है।

चाँद के बारे में 31 मज़ेदार तथ्य

1. अब तक सिर्फ 12 मनुष्य चाँद पर गए है। 1972 के बाद से, यानि कि पिछले 46 साल से चांद पर कोई अंतरिक्ष यात्री नही गया है।

2. चांद धरती के आकार का केवल 27% ही है।

3. चाँद का वजन लगभग 81,00,00,00,000(81 अरब) टन है।

4. पूरा चाँद आधे चाँद से 9 गुना ज्यादा चमकदार होता है।

5. अगर चाँद गायब हो जाए तो पृथ्वी पर दिन मात्र 6 घंटे का रह जाएगा।

6. जब अंतरिक्ष यात्री एलन सैपर्ड चाँद पर थे तब उन्होंने एक golf ball को hit मारा था जोकि तकरीबन 800 मीटर दूर तक गई। आप ऊपर दी वीडियो में देख सकते हैं।

7. अगर आप का वजन पृथ्वी पर 60 किलो है तो चाँद की low gravity की वजह से चाँद पर आपका वजन 10 किलो ही होगा। यही कारण है कि चांद पर अंतरिक्ष यात्री ज्यादा उछलकूद कर सकते हैं।

8. जब सारे अपोलो अंतरिक्ष यान चाँद से वापिस आए तब वह कुल मिलाकर 296 चट्टानों के टुकड़े लेकर आए थे जिनका द्रव्यमान(वजन) 382 किलो था।

9. Moon का सिर्फ 59% हिस्सा ही पृथ्वी से दिखता है।

10. चाँद पृथ्वी के इर्द-गिर्द घूमते समय अपना सिर्फ एक हिस्सा ही पृथ्वी की तरफ रखता है। इसलिए चाँद का दूसरा भाग आज तक पृथ्वी से किसी मनुष्य ने नहीं देखा। लेकिन अंतरिक्ष यानों की सहायता से चांद के दूसरे हिस्से की तस्वीरें ली जा चुकी हैं।

11. चाँद का व्यास पृथ्वी के व्यास का सिर्फ चौथा हिस्सा है और लगभग 9 चाँद पृथ्वी में समा सकते हैं।

12. क्या आपको पता है चाँद हर साल पृथ्वी से 4 सेंटीमीटर दूर खिसक रहा है। अब से 50 अरब साल बाद चाँद धरती के इर्द-गिर्द एक चक्कर 47 दिन में पूरा करेगा जो कि अब 27.3 दिनो में कर रहा है। पर ये होगा नहीं क्योंकि अब से 5 अरब साल बाद ही पृथ्वी सूर्य के साथ नष्ट हो जाएगी।

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ल्यूनर मॉड्यूल से चंद्रमा की सतह पर उतरते बज़ एल्ड्रिन। यह फोटो नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने खींचा था, जो कुछ क्षण पहले ही चंद्रमा पर उतरे थे।

13. नील आर्मस्ट्रांग के बाद उनके साथ आए बज़ एल्ड्रिन ने चाँद पर जब अपना पहला कदम रखा था तो उससे जो निशान चाँद की जमीन पर बना, वो अब तक है, और अगले कुछ लाखों सालो तक ऐसा ही रहेगा। इसका कारण है चांद पर हवा नही है जो इसे मिटा दे।

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बज़ एल्ड्रिन का चांद पर पहला कदम

14. नील आर्मस्ट्रांग जब पहली बार चांद पर चले थे, तो उनके पास Wright Brothers के पहले हवाई जहाज का एक टुकड़ा था।

15. आर्मस्ट्रांग चांद पर उतरने वाले पहले व्यक्ति होंगे इस बात का निर्णय मार्च 1969 की एक मीटिंग में लिया गया था। इस निर्णय में आर्मस्ट्रांग की प्रतिभा और अनुभव के साथ कुछ भूमिका इस बात की भी थी कि नासा प्रबंधन का यह मानना था कि आर्मस्ट्रांग एक विनम्र स्वभाव के व्यक्ति हैं।

16. क्या आपको पता है कि 1950 के दशक के दौरान अमेरिका ने परमाणु बम से चाँद को उड़ाने की योजना बनाई थी।

17. सौर मंडल के 181 उपग्रहो में चाँद का आकार 5 वे नंबर पर है।

18. चाँद का क्षेत्रफल अफ्रीका के क्षेत्रफल के बराबर है।

19. चाँद पर पानी भारत की खोज है। भारत से पहले भी कई वैज्ञानिको का मानना था कि चाँद पर पानी होगा परन्तु किसी ने खोजा नही।

20. अगर आप अपने इंटरनेट की स्पीड से खुश नहीं हैं तो आप चांद का रुख कर सकते है. जी हां, नासा ने world record बनाते हुए चांद पर wi-fi कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध कराई है जिसकी 19 mbps की स्पीड बेहद हैरतअंगेज है।

21. चाँद के रौशनी वाले हिस्से का तापनान 180°C तक पहुँच जाता है जब कि अधेरे वाले भाग का -153°C तक।

22. Moon पर मनुष्य द्वारा छोडे गए 96 बैग ऐसे है, जिनमें चाँद पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों का मल,मूत्र और उल्टी है।

23. जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के मध्य में आ जाता है, तो इस स्थिती को चंद्र ग्रहण कहते हैं। इस दौरान पृथ्वी के कुछ हिस्सों में दिन में भी अधेरा हो जाता है।

24. अमेरिकी सरकार ने चाँद पर आदमी भेजने और ओसामा बिन लादेन को ढूंढने में बराबर समय और पैसा खर्च किया : 10 साल और 100 करोड़ डॉलर।

25. ये जानकर हैरानी होगी कि आपके मोबाइल फोन में अपोलो 11 यान के चंद्रमा लैंडिग के समय यूज किये गए कंप्यूटर की तुलना में अधिक कंप्यूटिंग शक्ति है।

26. Apollo-11 यान का चंद्रमा लैंडिग के समय बनाया गया Original टेप मिट गया था यह गलती से दोबारा इस्तेमाल कर लिया था।

27. चंद्रमा गोल नही है, बल्कि यह अंडे के आकार जैसा है।

28. चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति कम होने के कारण इसका कोई वायुमंडल नहीं है। वायुमंडन ना होने की वजह से सौर वायु और उल्कापिंड के आने का खतरा लगातार बना रहता है।

29. चांद पर करीब 1,81,400 किलो का मानव निर्मित मलबा पड़ा हुआ है जिसमें 70 से अधिक अंतरिक्ष यान और दुर्घटनाग्रस्त कृत्रिम उपग्रह भी शमिल हैं।

30. अक्तूबर 2020 में नासा ने चंद्रमा पर पानी के संबंध में नई खोज की। उनकी एक वेधशाला (observatory) SOFIA ने चंद्रमा के Clavius crater (गड्ढे) में पानी के molecules (अणु) का पता लगाया। Clavius गड्ढा पृथ्वी से भी देखा जा सकता है और यह चंद्रमा के सूर्य की रौशनी वाले हिस्से में आता है। चाँद पर पानी की खोज वाले इलाके के डाटा से 100 से 412 पार्ट प्रति मिलियन की सांद्रता में पानी मिला है। तुलनात्मक रूप से देखें तो चंद्रमा की सतह पर जितनी पानी की खोज की गई है उसकी मात्रा अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान में मौजूद पानी की तुलना में 100 गुना कम है। कम मात्रा में होने के बावजूद यह खोज सवाल उठाती है कि चंद्रमा की सतह पर पानी कैसे आया?

31. नासा 2024 में या इसके एक-दो साल के समय में ओरियन रॉकेट से 4 अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा के आर्बिट में भेजेगा। वहां से दो यात्री लैंडिंग सिस्टम की मदद से चंद्रमा पर उतरेंगे। एक हफ्ते रहने के बाद लौट आएंगे।

चाँद के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

चाँद पर जाने वाले लोगों के नाम

चाँद पर जाने वाले लोग
चाँद पर जाने वाले लोग

अमेरिका ने साल 1968 से 1972 के बीच चाँद की तरफ कुल 9 सफल मानव मिशन भेजे थे। इन 9 मिशनों में से 6 बार अंतरिक्ष यान को चाँद की सतह पर सफलतापूर्वक उतारा गया और 3 अभियानों (मिशनों) में अंतरिक्ष यानों ने केवल चाँद की परिक्रमा की थी।

जिन 6 मिशनों में चाँद की सतह पर लेंडिग की गई, उनमें हर बार 2 अंतरिक्ष यात्रियों ने चाँद की सतह पर कदम रखा था।

इस तरह से अब तक कुल 12 लोगों ने चाँद की सतह पर कदम रखा है, जिनकी लिस्ट नीचे दी गई है। ब्रैकेट में उस मिशन का नाम है, जिसमें यह लोग गए थे-

  1. Neil Armstrong (Apollo 11)
  2. Edwin “Buzz” Aldrin (Apollo 11)
  3. Charles “Pete” Conrad (Apollo 12)
  4. Alan Bean (Apollo 12)
  5. Alan B. Shepard Jr. (Apollo 14)
  6. Edgar D. Mitchell (Apollo 14)
  7. David R. Scott (Apollo 15)
  8. James B. Irwin (Apollo 15)
  9. John W. Young (Apollo 16)
  10. Charles M. Duke (Apollo 16)
  11. Eugene Cernan (Apollo 17)
  12. Harrison H. Schmitt (Apollo 17)

अब आपको यह भी बता दें कि जो 9 अभियान चाँद की तरफ सफलतापूर्वक गए थे, उनमें हर बार 3 अंतरिक्ष यात्री शामिल थे। लेकिन 3 अंतरिक्ष यात्री ऐसे भी थे, जो दो-दो बार इन अभियानों का हिस्सा बने थे। इस तरह कुल 24 (9*3=27,27-3=24) लोग हैं, जो चाँद की तरफ गए थे।

जिन 6 अभियानों में अंतरिक्ष यात्रियों ने सफलतापूर्वक चाँद की सतह पर कदम रखा था, उनमें भी 3-3 व्यक्ति ही गए थे। 2 व्यक्ति एक यान से चाँद पर उतरते थे और तीसरा उस यान में चाँद की परिक्रमा करता रहता था, जिसमें तीनों को पृथ्वी की ओर वापिस लौटना होता था।

Apollo 8,10 और 13 मिशनों में केवल चाँद की परिक्रमा की गई थी। Apollo 13 को चाँद की सतह पर उतरना था, लेकिन चाँद की कक्षा में पहुँचने के बाद, उसमें कुछ तकनीकी ख़राबी आ गई, जिसकी वजह से वो चाँद पर उतर नहीं पाए औऱ उन्हें वापिस पृथ्वी पर लौटना पड़ा।

चाँद पर जाने वाली पहली महिला कौन थी?

अभी तक कोई भी महिला चाँद पर नहीं उतरी है। और ना ही चाँद का चक्कर लगाने वाले किसी मिशन में शामिल रही है।

अमेरिका ने कुल 9 मानव मिशन चाँद की तरफ सफलतापूर्वक भेजे हैं। इन मिशनों में 24 व्यक्ति चाँद की ओर गए थे। यह सभी अंतरिक्ष यात्री पुरूष थे।

चाँद पर जाने वाला पहला भारतीय कौन था?

अभी तक कोई भी भारतीय चाँद पर नहीं गया है। जो 24 व्यक्ति चाँद की तरफ गए थे, वो सभी अमेरिकी थे।

अभी तक सिर्फ अमेरिका ही चाँद पर अपने लोगों को भेज पाया है। किसी और देश ने अब तक यह कारनामा नहीं किया है।

कुछ लोगों का कहना है कि कल्पना चावला चाँद पर जाने वाली पहली भारतीय महिला है। यह सच नहीं है।

कल्पना चावला अमेरिका की तरफ से अंतरिक्ष में गई थी, और उन्होंने अंतरिक्ष यान से अपने साथियों के साथ पृथ्वी की परिक्रमा की थी।

इनके सिवाए राकेश शर्मा और सुनीता विलियम्स ही भारतीय मूल के वो व्यक्ति हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष की यात्रा की है। राकेश शर्मा रूस के मिशन में और सुनीता अमेरिका के मिशन में अंतरिक्ष में गई थी। दोनों ने अंतरिक्ष यान के जरिए पृथ्वी की परिक्रमा की थी।

चाँद पर जाने में कितना समय लगता है?

अभी तक जो अंतरिक्ष मिशन चाँद की तरफ गए हैं, उन्हें पृथ्वी से चाँद तक पहुँचने में औसतन तीन दिन का समय लगता है। यह अवधि इस बात पर भी निर्भर करती है कि यात्रा के लिए कौन सा मार्ग निर्धारित किया गया है।

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