ब्रह्माण्ड एक ऐसी जगह है जहां सब कुछ है। ब्रह्माण्ड इतना विशाल है कि आप इसके आकार का अनुमान नहीं लगा सकते। मान लीजिए कि आप ने अनुमान लगा भी लिया कि ब्रह्माण्ड इतना बड़ा है। पर आप के अनुसार जहां ब्रह्माण्ड का अंत होता है उसके आगे भी कोई पदार्थ तो जरूर होगा ही। इसी तरह अगर हम सोचते जाए कि ब्रह्माण्ड इतना बड़ा है तो यह उससे ज्यादा फैलता जाएगा। 1929 ईस्वी में हब्बल नामक वैज्ञानिक ने देखा कि आकाशगंगाएं एक दूसरे से दूर जा रही हैं। तो कई वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि शायद ब्रह्माण्ड शुरू में एक बिंदु के जितना होगा और अचानक हुए एक विस्फोट के द्वारा बने कण, प्रतिकण बने जिन से कई आकाशीय पिंडों का निर्माण हुआ। और यह तब से निरंतर फैलते ही जा रहै हैं। इस विस्फोट के समय का अनुमान आज से 15 अरब (15×109) साल पहले का लगाया गया है और इसे महाविस्फोट का सिद्धांत कहा जाता है। आइए इस रहस्यमय ब्रह्माण्ड के बारे में रोचक तथ्य जानते हैं-
ब्रह्मांड के बारे में 17 रोचक तथ्य – Universe Facts in Hindi
1. आप का T.V. या कोई और आवाज़ पैदा करने वाला रिकार्डर जा music set जब ठीक से नही चल रहा होता तब यह जो बेकार सी आवाज पैदा करता है यह Big Bang(महाविस्फोट) के तुरंत बाद बनने वाली रेडिएशन का नतीजा है जो आज 15 अरब साल बाद भी है।
2. खगोल विज्ञान के अनुसार हम कहते है कि हर भौतिक वस्तु इस ब्रह्माण्ड में मौजूद है। इसमें ही खरबों तारे, सौर मंडल और आकाशगंगाएं है। पर यह सिर्फ सारी वस्तुओं का 25 प्रतिशत ही है। अभी भी कई ऐसी और चीजों के बारे में पता लगाया जाना बाकी है।
3. अगर नासा एक पक्षी को अंतरिक्ष में भेजे तो वह उड़ नहीं पाएगा और जल्दी ही मर जाएगा। क्योंकि वहां पर उड़ने के लिए बल ही नहीं है।
4. क्या आप को पता है श्याम पदार्थ(dark matter) ब्रह्माण्ड में पाया जाने वाला ऐसा पदार्थ है जो दिखता नहीं पर इसके गुरुत्व का प्रभाव जरूर पाया गया है। तभी इसे श्याम पदार्थ का नाम दिया गया है क्योंकि यह है तो दिखता नहीं।
5. अगर आप 1 मिनट में 100 तारे गिने तो आप 2000 साल में एक पुरी आकाशगंगा गिन देगें।
6. महाविस्फोट के बाद ब्रह्माण्ड विस्तारित होकर अपने वर्तमान स्वरूप में आया । पर आधुनिक विज्ञान के अनुसार भौतिक पदार्थ प्रकाश की गति से फैल नही सकता। पर महाविस्फोट सिद्धांत में तो यह पक्का है कि ब्रह्माण्ड 15 खरब साल में 93 खरब प्रकाश वर्ष तक फैल चुका है। (1प्रकाश वर्ष (light year) = प्रकाश के द्वारा एक साल में तय की गई दूरी)। पर इस उलझन को आइंस्टाइन का साधारण सापेक्षतावाद का सिद्धांत समझाता है। इसके अनुसार दो आकाशगंगाएं एक-दुसरे से जितनी दूर है उतने ही अनुपात से यह और दूर होती जाती है। यह तथ्य थोड़ा समझने में कठिन लगेगा मगर जब इसे ध्यान से पढ़ेगें तो कुछ-कुछ समझ आ जाएगा।
7. हमारी आकाशगंगा का नाम मंदाकिनी (Milky way) है, हमारा सौर मण्डल इसी आकाशगंगा में है। आकाशगंगा का ग्रीक भाषा में अर्थ है- ‘दूध’। अगर आप एक खगोलीय दूरबीन लेकर आकाशगंगा को देखे तो ऐसा लगेगा जैसे दूध की धारा बह रही हो।
8. द लार्ज मेगालीन क्लाउड आकाशगंगा सभी आकाशगंगाओं से सबसे ज्यादा चमकदार है। यह केवल दक्षिणी गोलार्ध में ही दिखेगी। यह धरती से 1.7 लाख प्रकाश वर्ष दूर है और इसका व्यास 39,000 प्रकाश वर्ष है।
9. Abell 2029 ब्रह्माण्ड की सबसे बड़ी आकाशगंगा है। इसका व्यास 56,00,000 प्रकाश वर्ष है और यह हमारी आकाशगंगा से 80 गुना ज्यादा बड़ी है यह धरती से 107 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है।
10. धनु बौनी आकाशगंगा की खोज 1994 मे हुई थी और यह सभी आकाशगंगाओं से धरती के सबसे करीब है यह धरती से 70,000 प्रकाश वर्ष दूर है।
11. ऐड्रोमेडा आकाशगंगा नंगी आंखों से देखी जाने वाली सबसे दूर स्थित आकाशगंगा है यह पृथ्वी से 2309000 प्रकाश वर्ष दूर है। इसमें लगभग 300 खरब (30×1011) तारे है और इसका व्यास 1,80,000 प्रकाश वर्ष है।
12. ज्यादातर आकाशगंगाओं की शकल अंडाकार है पर कुछ अपनी शक्ल बदलती रहती है। हमारी आकाशगंगा मंदाकिनी अंडाकार है।
13. Abell 1835 IR 1916 आकाशगंगा हमारे ब्रह्माण्ड की सबसे दूर स्थित आकाशगंगा है यह धरती से आश्चर्यजनक 13.2 खरब प्रकाश वर्ष दूर है। 2004 में यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला के खगोलविदों ने इस आकाशगंगा की खोज की घोषणा की ।
14. जब आप पानी को गर्म करते हैं तो उसमें ढेरों बुलबुले दिखाई देते हैं। लेकिन आप पानी को अंतरिक्ष में गर्म करेंगे तो आप को सिर्फ एक ही बुल-बुला दिखाई देगा। जिसका आकार बड़ा होगा।
15. अंतरिक्ष यात्री हमेशा सफेद रंग का विशेष सूट पहने देखा होगा। ये सूट हवा के दबाव को मेन्टेन रखता है। अगर सूट फट गया तो अंतरिक्ष गए इंसान की मौत दम घुटने से नहीं बल्कि शरीर के फटने हो जाएगी।
16. अंतरिक्ष से चीन की सबसे ऊंची द ग्रेट वॉल नहीं दिखती लेकिन चीन का प्रदूषण स्पष्ट दिखाई देता है।
17. ब्रह्माण्ड कैंलेडर
महाविस्फोट के बाद कई खगोलीय और धरती की घटनाएं घटित हुई जिसमें डायनासोरों का जन्म और खातमा शामिल है। यह सारी चीजें बहुत ही ज्यादा समय में घटित हुई जिससे कि एक साधारण मनुष्य नही समझ सकता। इस समस्या से पार पाने के लिए अमेरिकी गणितज्ञ और खगोलविद कार्ल सागन ने ‘ब्रह्माण्ड कैलेंडर’ का सुझाव दिया। इस कैलेंडर में महाविस्फोट से लेकर अब तक के मानव इतिहास को एक साल में दर्शाया गया है। आइए इस कैलेंडर की घटनाएं जानते है।
1 जनवरी 12:00 am——महाविस्फोट- ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति।
15 मार्च—————–पहले सितारो और आकाशगंगाओं की उत्पत्ति।
1 मई——————-हमारी आकाशगंगा मंदाकिनी की उत्पत्ति।
8 सितंबर—————हमारे सुर्य की उत्पती।
9 सितंबर————–हमारे सुर्य मंण्डल की उत्पत्ति।
12 सितंबर————-पृथ्वी की उत्पती।
13 सितंबर————-चाँद की उत्पत्ति
20 सितंबर————-धरती के वायुमंडल की उत्पती।
1 अक्टूबर————-धरती पे सबसे पहले एक कोशिका जीवो की उत्पती।
7 अक्टूबर————-सबसे पहले के जाने जाने वाले फासिल(पथराट)।
18 दिसंबर————अनेक cells वाले जीवों की उत्पत्ति।
19 दिसंबर————पहली मछली।
21 दिसंबर————पहले स्थली पौधे और कीड़े
23 दिसंबर———–पहले सरीसृप (रेंगने वाले)
24 दिसंबर———–पहले डायनासोर
26 दिसंबर————पहले स्तनपाई
27 दिसंबर———–पहले पक्षी
28 दिसंबर———-पहले फूल वाले पौधे।
29 दिसंबर———-डायनासोरों का खात्मा।
31 दिसंबर के रात के 11:55 बजे—–मनुष्यों के कुल इतिहास से अब तक।
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