स्टैचू ऑफ लिबर्टी के बारे में 28 रोचक तथ्य | Statue of Liberty History in Hindi

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स्टैचू ऑफ लिबर्टी के बारे में 28 रोचक तथ्य – Statue of Liberty History in Hindi

1. स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी न्यूयार्क हार्बर के पास एक छोटे से टापू पर बनी एक विशाल प्रतिमा है जो अपने एक हाथ में मशाल औद दूसरे में एक किताब लिए खड़ी है। इस प्रतिमा को सन 1886 में फ्रांस ने अमेरिका को अपनी मित्रता प्रतीक के रूप में भेट किया था।

2. Statue of Liberty को बनने में लगभग 9 साल से कुछ ज्यादा का समय लगा था। इसके कुछ भाग फ्रांस में बने थे जिसमें इसका सिर भी शामिल है।

3. स्टेच्यू ऑफ़ लिबर्टी की ऊँचाई 22 मंजिला इमारत के बराबर है। आधार से लेकर मूर्ति की मशाल के शिखर तक की ऊँचाई 306 फुट या 93 मीटर है।

4. मूर्ति के पैरों से लेकर इसके मशाल वाले हाथ तक की लंबाई 151 feet 1 inch या 46 meter है। इस हिसाब से यह दुनिया की 47वीं सबसे ऊँची मूर्ति है।

5. प्रतिमा का कुल वज़न 225 टन जा 2 लाख 25 हज़ार किलो है।

6. प्रतिमा के ताज से जो सात नुकीली कीलें निकली हुई हैं, वह संसार के सातो महाद्वीपों को दर्शाती हैं। एक कील की लंबाई 9 फीट और वज़न 68 किलो है। ताज पर 25 खिड़कियाँ भी है जो धरती के रत्नों को दर्शाती है।

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7. मूर्ति के ताज तक जाने के लिए 354 घुमावदार सीढियां चढ़नी पड़ती हैं।

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8. स्टेच़्यू ऑफ लिबर्टी की मशाल 1876 में सबसे पहले बनकर तैयार हुई थी। परंतु 1916 में पहले विश्व युद्ध के समय जर्मन सैनिकों द्वारा किए गए बंब हमले के कारण यह मशाल क्षतिग्रस्त हो गई। इसको दोबारा ठीक करने में 1 लाख डाॅलर का खर्च आया था। उसके बाद मशाल की सीढियों को बंद कर दिया गया। Statue of Liberty की पुरानी मिशाल को 1984 में ताबें की एक मशाल के साथ बदल दिया गया था जिस पर 24 किलो सोने का पतरा चढ़ा हुआ है।

9. प्रतिमा के बाएं हाथ में एक किताब है जिस पर अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस (4 जुलाई 1776) की तारीख रोमन में लिखी हुई है। यह कुछ इस तरह से है- JULY IV MDCCLXXVI.

10. Statue of Liberty का पूरा नाम है – “Liberty Enlightening the World” (स्वतंत्रता संसार को शिक्षाप्रद करती है)।

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11. मूर्ति जिस टापू पर स्थित है उसे Liberty Island कहा जाता है। 1956 से पहले इस टापू को Bedloe’s Island कहा जाता था।

12. स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी का बाहरी भाग ताबें से बना है।

13. इस मूर्ति को रोमन देवी Libertas (लिबर्टस) से प्रेरणा लेकर बनाया गया है क्योंकि उसे स्वतंत्रता की देवी माना जाता है। मूर्तिकार ने इसे अपने माँ के चेहरे पर बनाया था।

14. मूर्ति की ऊँचाई के कारण साल में लगभग 300 बार आकाशीय बिजली भी इससे टकराती है। अगर इस बिज़ली को इकट्ठा किया जाए तो यह 600 volts बनती है। इस पर बिजली गिरते हुए पहला फोटो 2010 में खींचा गया था।

15. साल 1929 और 1932 में दो लोग इस मूर्ति से कूद कर आत्महत्या कर चुके हैं। कुछ ऐसे भी है जो कूदने के बाद बच गए।

16. साल 2016 में लगभग 42 लाख लोग इस मूर्ति को देखने के लिए आए थे। तुलना के लिए बता दें कि इस साल Eiffel Tower और London Eye देखने वाले लोगों की तादात क्रश्म: 61 लाख और 35 लाख थी।

17. 28 अक्तूबर 2019 को यह मूर्ति अपना 133वां जन्मदिन मनाएगी।

18. जब Statue of Liberty की मूर्ति बनकर खड़ी हुई थी तब यह लोहे की सबसे ऊँची संरचना थी।

19. लिबर्टी की मूर्ति 879 नंबर का जूता पहनती है।

20. 1982 में ये बात पता चली थी कि स्टेच़्यू ऑफ लिबर्टी का चेहरा Center से 2 फीट पीछे हट कर स्थापित किया गया है।

21. तेज़ हवा के कारण मूर्ति 3 इंच तक और इसकी मशाल 5 इंच तक हिलने लगती है।

22. 1886 में, आधार समेत STATUE OF LIBERTY को बनाने का खर्च 5 लाख डॉलर आया था। यह आज के 1 करोड़ डॉलर यानि कि 70 करोड़ भारतीय रूपए के बराबर है।

23. अमेरिका के 10 डॉलर के नोट पर इस मूर्ति की फोटो छापी जा चुकी है।

24. पाकिस्तान, मलेशिया, ताइवान, ब्राजील और चीन में भी Statue of Liberty का duplicate बनाया गया है।

25. इस मूर्ति के तांबे की संचरचा को ढाल देने के लिए 300 अलग-अलग प्रकार के हथौड़ों का इस्तेमाल किया गया था।

26. आप लेडी लिबर्टी के पौरों को साफ तौर पर नहीं देख सकते क्योंकि वो एक टूटी हुई हथकड़ी और जंजीरों के बीच खड़ी है। उसका दाहिना पैरा थोड़ा ऊपर उठा हुआ है जो यह दर्शाता है कि वो उत्पीड़न और गुलामी को पछाड़ आगे बढ़ रही है।

27. प्रतिमा के सकारात्मक अर्थ के बावजूद अफ्रीकी अमेरिकियों ने प्रतिमा को दोहरे मापदंड के रूप में देखा क्योंकि एक तो इसके जरिए जाति की परवाह किए बिना सभी के लिए स्वतंत्रता और न्याय का देश होने का दावा जा रहा था जबकि उस समय अमेरिकी समाज में भयंकर रंगभेद मौजूद था।

28. मूर्ति के निर्माण के कुल सालों बाद यह आप्रवास का प्रतीक बन गया। इन सालों के दौरान जब यूरोप से 90 लाख लोग अमेरिका में बसने के लिए आए, तो यह मूर्ति अक्सर पहली चीज होती जिसे वो नाव से पहुंचते समय देखते थे।

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