कछुआ से जुड़ी 18 मज़ेदार और ज्ञानवर्धक जानकारियाँ – Tortoise in Hindi
1. कछुआ एक बहुत ही प्राचीन जीव है, जो अपने ढाल जैसे कवच के कारण पहचाना जाता है। इसका कवच इसकी पसलियों से विकसित होता है, जो सुरक्षा करने में इनकी सहायता करता है।
2. कछुओं का कवच बहुत ही ज्यादा मज़बूत होता है। इसका विकास समय के साथ मौसम की कठिन परिस्थितियों में जमीन के नीचे रहने के दौरान उनकी सुरक्षा करने के लिए विकसित हुआ है। कछुए खतरा होने पर अपने सिर और पैर को सिकोड़ कर कवच के अंदर छुप जाते हैं।
3. कछुआ अन्य रेंगने वाले प्राणियों की तरह ठंडे ख़ून वाले जीव होते है। अर्थात् यह सर्दियों में निष्क्रिय हो जाते है।
4. कछुओं की सबसे पहली प्रजातियाँ 15 करोड़ साल पहले उत्पन्न हुई थी। समय के साथ इसकी कई प्रजातियां अस्तित्व में आई और विलुप्त हो गई।
5. वर्तमान समय में कछुओं की 320 से भी ज्यादा प्रजातियाँ मौजूद हैं जिनमें से कई विलुप्त होने की कगार पर हैं । उनका संरक्षण करना एक चिंता का विषय है।
6. कछुए का कवच ऊपर से उभरा हुआ, और नीचे से चपटा होता है। ऊपरी भाग को उत्कवच (कैरापेस), और निचले भाग को उदरवर्म (प्लैस्ट्रन) कहते हैं।
7. भारत में कुछओं की एक विशेष किस्म चित्रा इंडिका (Chitra indica) किसी भी जल स्रोत को साफ करने में अहम भूमिका निभाती है। दरअसल यह किस्म पानी में मैजूद गंदगी फैलाने वाली मछलियों और मेढ़को आदि को खा जाती है, जिससे पानी में गंदगी कम होती है। इसी वजह से भारत की चंबल नदी में इसके 1000 से अधिक बच्चों को हर साल छोड़ा जाता है, ताकि नदी का का पानी स्वच्छ व शुद्ध रहे।
8. कछुओं की कुछ प्रजातियाँ जम़ीन पर रहती है, और कुछ जल में। कई प्रजातियाँ ऐसी भी है, जो जल और थल दोनों में रह सकती हैं।
9. जम़ीन पर रहने वाले कछुए शाकाहारी होते है, और जल में रहने वाले कछुए मछलियों और घोंघो से अपना पेट भरते हैं।
10. कछुए आम तौर पर कोई आवाज़ नही निकालते, सिर्फ सेक्स करते समय ही नर कछुओं की फुफ-कार जैसी आवाज़ सुनाई पड़ती है। इनकी इसी फुफ-कार से ‘जुरासिक पार्क’ फिल्म में डायनासोरों की आवाज़ों को तैयार किया गया था।
11. कछुए अंडो के सहारे नए बच्चे पैदा करते है। जब मादा कछुए को अंडे देने होते है तो वह पहले एक जगह एक मिट्टी खोद लेती है, और फिर अंडे देती है।
12. मादा कछुआ एक बार में 1 से 30 अंडे देती है। अंडो से बच्चे निकलने में 2 से 4 महीने लगते हैं।
13. वर्तमान में कछुओं की कई छोटी प्रजातियों को एक पालतू के तौर पर पाला जाने लगा है।
14. कछुओं का जीवन काल इनकी प्रजातियों पर निर्भर करता है। कुछ बड़ी प्रजातियाँ 150 साल तक जिंदा रह सकती हैं।
15. कछुओं को एक सुस्त जानवर के तौर पर जाना जाता है क्योंकि यह बेहद धीमी रफ्तार से चलते हैं। कछुए ज्यादा से ज्यादा आधा किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकते हैं।
16. कछुए शाकाहारी और मासाहारी, दोनों तरह की चीजें खा सकते हैं। पौधों के पत्ते, फूल, फल और सब्जिआं, कछुओं का मुख्य शाकाहारी भोजन है। मासाहार में यह कीड़े और घोंघे समेत मछलियाँ भी खा सकते हैं।
17. कछुए के अंडे कितने दिन में फूटते हैं? मादा कछुए द्वारा अंडे देने के 70 दिन बाद प्राकृतिक तरीके से अंडे फूटने लगते हैं, और उनसे बच्चे निकलने लगते हैं।
18. कछुओं के मुंह में दाँत नहीं होते, बल्कि एक तीखी प्लेट जैसा हड्डी का पट्ट होता है, जो भोजन चबाने में इनकी सहायता करता है।
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