मंगल ग्रह से जुड़े 20 रोचक तथ्य, महत्वपूर्ण प्रश्न और ताज़ा ख़बरें | Mangal Grah ki Jankari

mangal grah ki jankari
मंगल ग्रह – Planet Mars – Mangal Grah

मंगल ग्रह सूर्य से चौथा तथा सातवां बड़ा ग्रह है। इसकी सूर्य से औसतन दूरी लगभग 22 करोड़ 79 लाख किलोमीटर है। इस ग्रह का व्यास तकरीबन 6794 किलोमीटर है।

मंगल ग्रह से जुड़े 20 रोचक तथ्य

1. यूनानी लोग मंगल ग्रह को Ares(एरेस) कहते हैं और इसे युद्ध का देवता मानते हैं। शायद लाल रंग के कारण मंगल को यह नाम दिया गया है।

2. मंगल ग्रह की मिट्टी में लौह खनिज की जंग लगने के कारण यह लाल दिखता है।

3. मंगल ग्रह की सूर्य के ईर्द-गिर्द कक्षा दिर्घवृत (अंडाकार) है। इसके कारण मंगल के तापमान में सूर्य से दूरस्तिथ बिंदु और निकटस्थ बिंदु के मध्य 30 डिग्री सेल्सीयस का अंतर है।

4. मंगल पर भेजे गए यानों ने जो जानकारीया दी हैं उनके अनुसार मंगल की सतह काफी पुरानी है तथा क्रेटरो से भरी हुई है। परन्तु कुछ नयी घाटीयां, पहाड़ीयां और पठार भी है। (क्रेटर किसी खगोलीय वस्तु पर एक गोल या लगभग गोल आकार के गड़्ढे को कहते हैं।)

5. मंगल की सतह पर किसी द्रव वस्तु के बहने के साफ सबूत मिले हैं। द्रव जल की संभावना अन्य द्रव पदार्थों से ज्यादा है। मंगल पर भेजे यानों के द्वारा दिए गए आंकड़ों से साफ होता है कि मंगल पर बड़ी झीलें या सागर भी रहे होंगे।

6. सौर मंडल का सबसे बड़ा पर्वत मंगल पर ही है। इसको ओलिंप मोन्स नाम दिया गया है और यह 24 किलोमीटर ऊँचा है।

7. मंगल ग्रह का औसतन तापमान -55 डिग्री सेल्सीयस है। इसकी सतह का तापमान 27 डिग्री सेल्सीयस से 133 डिग्री सेल्सीयस तक बदलता रहता है।

mangal grah aur prithvi
पृथ्वी और मंगल ग्रह की तुलना

8. Mangal Grah का व्यास पृथ्वी के व्यास का लगभग आधा है परन्तु मंगल पर उपलब्ध भूमि पृथ्वी पर उपलब्ध भूमि के बराबर है।

9. मंगल का एक दिन 24 घंटे से थोड़ा ज्यादा होता है। मंगल का एक साल पृथ्वी के 687 दिनो के बराबर होता है, यानि लगभग 23 महीने के बराबर।

magal grah par barf
उत्तरी ध्रुव पर बर्फ की परत

10. मंगल के ध्रुवों पर पानी और कार्बन डायआक्साईड की बर्फ की परत है। उत्तरी गोलार्ध की गर्मियों में कार्बनडायआक्साईड की परत पिघल जाती है और केवल पानी की बर्फ की तह रह जाती है। मंगल की कक्षा में चक्कर काट रहे मार्स एक्सप्रेस ने इसको दक्षिणी गोलार्थ में भी होते देखा है। मंगल के अन्य स्थानों पर भी पानी की बर्फ होने की आशंका है।

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फोबोस और डीमोस

11. जैसे हमारी पृथ्वी का उपग्रह चाँद है, इसी तरह मंगल के भी दो उपग्रह हैं – फोबोस और डीमोस। फोबोस का आकार डीमोस से बड़ा है।

12. यदि किसी व्यक्ति का वज़न पृथ्वी पर 100 किलो है तो मंगल ग्रह पर कम गुरुत्वाकर्षण की वजह से मात्र 37 किलोग्राम ही रह जाएगा। मंगल के उपग्रह फोबोस का गुरुत्वाकर्षण तो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का एक हज़ारवां हिस्सा ही है । पृथ्वी पर 100 किलो वज़न वाले व्यक्ति का वज़न फोबोस पर 100 ग्राम ही रह जाएगा।

13. फोबोस पूरे सौर मंडल में अपने ग्रह से सबसे कम दूरी वाला उपग्रह है। इसकी मंगल की सतह से दूरी मात्र 6000 किलोमीटर है जबकि हमारी पृथ्वी और चाँद के बीच की दूरी लगभग 3 लाख 84 हज़ार किलोमीटर है।

14. भले ही फोबोस, मंगल के दूसरे उपग्रह डीमोस से बड़ा है पर फिर भी इसकी गिनती सौरमंडल के सबसे छोटे उपग्रहों में की जाती है। फोबोस का औसत व्यास 22.2 किलोमीटर है और डीमोस का तो मात्र 12.6 किलोमीटर ही है।

15. यूनानी लोग फोबोस को शुक्र ग्रह का बेटा मानते हैं। फोबोस का ग्रीक भाषा में अर्थ होता है ‘भय’। फोबीया शब्द फोबोस से ही बना है। ग्रीक लोग इस उपग्रह को ‘भय का देवता’ मानते हैं।

16. फोबोस उपग्रह मंगल के आकाश में एक दिन में दो बार उदय हो कर अस्त होता है।

17. फोबोस हर 100 साल में 1.8 मीटर मंगल की और बढ़ जाता है। इस कारण अगले 5 करोड़ सालों में यह मंगल की सतह से टकरा जायेगा या फिर टूट कर मंगल के चारों ओर टुकड़ों में बिखर जाएगा।

18. फोबोस की सतह पर एक बड़ा क्रेटर स्टीकनी है जो इसके खोजकर्ता हाल की पत्नी के नाम पर दिया गया है।

19. Mangal Graha के यह दोनो उपग्रह शायद कभी भी मंगल यात्रा के लिए एक अंतरिक्ष केन्द्र के रूप में प्रयोग किये जा सकते हैं।

20. वर्तमान समय में मंगल ग्रह का राज जानने के लिए 8 अभियान काम कर रहे हैं। इन में से 7 अमेरिका द्वारा है। गर्व की बात है कि बाकी का एक अभियान भारत द्वारा है।

मंगल ग्रह के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

मंगल ग्रह की खोज किसने की थी?

कई प्राचीन सभ्यताओं को मंगल ग्रह के एक तारा ना होकर एक ग्रह होने का ज्ञान था। इसलिए यह कहना मुश्किल है कि इस बात का पता सबसे पहले किसने लगाया था कि मंगल एक ग्रह हैं, क्योंकि इसे पृथ्वी से नंगीं आंखों द्वारा देखा जा सकता है।

मंगल ग्रह को सबसे पहली बार दूरबीन द्वारा 1610 में गैलीलियो गैलिली द्वारा देखा गया था। इसके 100 साल के अंदर-अंदर वैज्ञानिकों ने मंगल पर कई सफेद से दिखने वाले स्थान खोज लिए, जो कि इसके ध्रुवों पर जमी बर्फ की परत है।

इस ग्रह का ‘Mars’ नाम प्राचीन रोम के लोगों ने अपने युद्ध के देवता के नाम पर रखा था क्योंकि मंगल का लाल रंग खून का प्रतीक मालूम होता है।

पृथ्वी से मंगल ग्रह की दूरी कितनी है?

पृथ्वी से मंगल ग्रह की औसतन दूरी 22 करोड़ लाख किलोमीटर है। क्योंकि दोनो ग्रह सूर्य के ईर्द-गिर्द अंडाकार पथ पर घूमते है इसलिए दोनों ग्रहों की दूरी में अंतर कम-ज्यादा होता रहता है।

पृथ्वी से मंगल की कम से कम दूरी 5 करोड़ 46 लाख किलोमीटर होती है, जबकि ज्यादा से ज्यादा दूरी 40 करोड़ 10 लाख किलोमीटर होती है।

इसके सिवाए हमें इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए कि मंगल ग्रह के मुकाबले पृथ्वी का परिक्रमा पथ छोटा है क्योंकि पृथ्वी सूर्य से दूरी अनुसार तीसरा ग्रह है जबकि मंगल चौथा।

(Note – पोस्ट में उपयोग सभी चित्र विकीपीडिया से लिए गए हैं।)

मंगल ग्रह से जुड़ी ताज़ा जानकारियाँ

अमेरिका का मार्स मिशन 2020

31 जुलाई 2020 | अमेरिका ने एक नया मिशन मंगल ग्रह पर भेजा है। इसके तहत एक रोवर मंगल ग्रह की सतह पर उतर कर, वहां पुराने जीवन की जानकारी इकट्ठा करेगा। इसके सिवाए यह रोवर मंगल की सतह से पत्थर और मिट्टी को पृथ्वी पर भी लेकर आएगा।

इसके सिवाए नासा ने इस मिशन में एक छोटा हेलीकॉप्टर भी भेजा है। यह मंगल की सतह पर अकेले उड़ान भरने का प्रयास करेगा।

Update on 20 April 2021: नासा यह मिशन कामयाब हो चुका है। फरवरी 2021 को यह मिशन मंगल की सतह पर पहुंचा था और 19 April 2021 को इस मिशन में भेजे गए हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरने में सफलता हासिल कर ली। इस उड़ान का वीडियो आप निचे देख सकते हैं।

इनजेनिटी नाम का यह दो किलो का ड्रोन हेलीकॉप्टर हवा में एक मिनट से भी कम समय के लिए रहा, पर नासा इसे बड़ी कामयाबी मान रहा है। वह इसलिए कि यह किसी दूसरी दुनिया के एयरक्राफ्ट द्वारा संचालित और नियंत्रित पहली उड़ान थी।

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